बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने सीएम पद को लेकर चल रही चर्चाओं को विराम दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरे मन में सीएम बनने की लालसा नहीं है। पीएम मोदी और अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे मुझे मंजूर होगा। सरकार बनाते समय मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं आएगी। मैं चट्टान की तरह साथ खड़ा हूं। भाजपा की बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, हमें मान्य होगा। भाजपा का सीएम मुझे मंजूर है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल में पीएम मोदी और अमित शाह ने मेरा पूरा सहयोग किया। अमित शाह और पीएम मोदी ने बालासाहेब ठाकरे के एक आम शिवसैनिक को सीएम बनाने के सपने को पूरा किया है। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मुझे मुख्यमंत्री बनाया और बड़ी जिम्मेदारी दी। मैं रोने वालों और लड़ने वालों में से नहीं हूं। मैं भागने वाला नहीं समाधान करने वाला व्यक्ति हूं। हम मिलकर काम करने वाले लोग हैं। ढाई साल तक हमने खूब काम किया है। महाराष्ट्र में विकास की रफ्तार बढ़ी है। हमने हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत मिला है। मैं जनता को धन्यवाद देता हूं। जनता ने महायुति पर विश्वास जताया है। विकास की योजनाओं को समर्थन मिला है। आम आदमी को कहां-कहां दिक्कत आती है, मैं समझता हूं। मैंने खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने आम आदमी की तरह काम किया। महाराष्ट्र की समस्याओं को दूर करने की कोशिश की है। हमारे काम का नतीजा दिख रहा है। हमने लाडली बहन योजना पर काम शुरू किया। मैं लाडली बहनों का लाडला भाई हूं।
उन्होंने कहा कि अगर मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई समस्या आती है, तो पीएम मोदी और अमित शाह अपने में कोई संदेह न लाएं और आप जो भी फैसला लेंगे, वह मुझे मंजूर है। आप हमारे परिवार के मुखिया हैं। जिस तरह से भाजपा के लोग आपके फैसले को स्वीकार करते हैं, हम भी उसी तरह से आपके फैसले को स्वीकार करेंगे। मैंने कल पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और उन्हें बताया कि मेरी वजह से सरकार बनाने में कोई समस्या नहीं होगी।
ऐसे रहे परिणाम- पिछले हफ्ते आए चुनावी नतीजों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति गठबंधन को 230 सीट और एमवीए को केवल 46 सीट मिलीं। भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। इसके अलावा चार सीटें अन्य के खाते में गईं। शिवसेना (यूबीटी) 20 सीट जीतकर विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी बनी। कांग्रेस ने 16 सीटें जीतीं, जबकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) 10 सीट के साथ सबसे पीछे रही।