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लंदन में पढ़ी और राजघराने से नाता…कौन हैं दीया कुमारी ? वसुंधरा का विकल्प के रूप में देखा जा रहा

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है। बीजेपी कांग्रेस से सत्ता छीनने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में एक ऐसी नेता का नाम सामने आ रहा है, जो पार्टी की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की तरह राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं। महिला हैं और वसुंधरा की तरह उसी राजपूत समुदाय से आती हैं, जिसका राज्य की 85 विधानसभा सीटों पर दबदबा है। उस नेता का नाम है दीया कुमारी

परिवर्तन यात्रा में सौंपी गई थी समन्वय की अहम जिम्मेदारी

पिछले महीने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवर्तन संकल्प यात्रा के समापन कार्यक्रम में जयपुर पहुंचे तब दीया कुमारी ही थीं, जिन्हें मंच पर समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अमूमन पीएम मोदी की रैली और मंच से जुड़ी इतनी अहम जिम्मेदारी भाजपा किसी बड़े और अनुभवी नेता को ही सौंपती है। दीया कुमारी को इतना अहम जिम्मा मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई कि क्या बीजेपी उन्हें वसुंधरा राजे सिंधिया के विकल्प के तौर पर तैयार कर रही है? इस संबंध में दीया कुमारी से बात करने और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उनके प्रतिनिधि ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

जयपुर के आखिरी महाराजा की पोती

52 वर्षीय दीया कुमारी, जयपुर के आखिरी महाराजा मानसिंह द्वितीय की पोती हैं और खुद राजकुमारी हैं। दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह अभी जयपुर के महाराजा हैं.

शादी पर मचा था हंगामा

लंदन से फाइन आर्ट्स व डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा हासिल करने वालीं दीया कुमारी की निजी जिंदगी पूरी फिल्मी है। साल 1997 में जब उन्होंने नरेंद्र सिंह नाम के शख़्स से शादी का फैसला किया तो खासा हंगामा मचा। वजह- नरेंद्र सिंह किसी राज परिवार या रसूख वाले खानदान से ताल्लुक नहीं रखते थे। दीया के परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे। ऐसे में उन्होंने दिल्ली की एक कोर्ट में गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी। हालांकि साल 2019 में दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह तलाक लेकर अलग हो गए।

होटल-ट्रस्ट की मालकिन, इतनी है संपत्ति

राजकुमारी दीया कुमारी 16 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की मालकिन हैैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने जो हलफनामा दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 16,59,84,623 बताई थी। दीया कुमारी जयगढ़ फोर्ट और अंबर फोर्ट की मालकिन हैैं। दो स्कूल भी चलाती हैं. इसके अलावा महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट और जयपुर पब्लिक चौरिटेबल ट्रस्ट का संचालन भी करती हैं।

2013 में ज्वाइन की थी बीजेपी

साल 2013 में जिस वक्त नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने की चर्चा चल रही थी, ठीक उसी वक्त दीया कुमारी ने बीजेपी ज्वाइन की थीै। जयपुर में नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे की मौजूदगी में वह बीजेपी में शामिल हुई थीं। पार्टी में आने के बाद वह सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़ीं और जीतीं. इसके बाद साल 2019 में राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचीं.

विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है बीजेपी

बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दीया कुमारी राज्य के उन 8 सांसदों में शुमार हैं, जिन्हें भाजपा विधानसभा चुनाव में उतार सकती हैै। ऐसी चर्चा है कि दीया कुमारी को सवाई माधोपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. राजस्थान की राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार ताबीन्ह अंजुम कहती हैं, ‘यह सच है कि वसुंधरा और दीया कुमारी, राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं और दोनों राजपूत समुदाय से हैं, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि क्या दीया कुमारी को भी पार्टी से वैसा ही सपोर्ट मिल पाता है, जैसा कभी वसुंधरा राजे को मिला था।’ वह आगे कहती हैं, ‘तब भैरो सिंह शेखावत ने खुद आगे बढ़कर वसुंधरा को राजस्थान की कमान दी थी. अब देखने वाली बात होगी कि क्या दीया कुमारी के साथ भी वैसा ही कोई मजबूत नेता खड़ा है’?