उत्तरकाशी। उत्तराखंड में आधी रात को जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, उसी समय उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग खौफ में आ गए और घरों से बाहर निकल गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई। हालांकि किसी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन ये भूकंप उसी जगह पर आया है, जहां पर टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं।
भूकंप की गहराई 5 किलोमीटर अंदर थी और इसका सेंटर राजधानी देहरादून से लगभग 140 किलोमीटर दूर था। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “3.1 तीव्रता का भूकंप, 16-11-2023 को 2 बजकर 2 मिनट 10 सेकंड पर आया. इसका अक्षांश 31.04 और लंबाई 78.23 और गहराई 5 किलोमीटर रही।
एक महीने में दूसरी बार आया भूकंप
जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले की सभी तहसीलों से भूकंप के बारे में जानकारी मांगी गई है। फिलहाल किसी तरह के जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। इससे पहले उत्तरकाशी में 3 नवंबर को भूकंप आया था और केंद्र नेपाल में था। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 7 महीने में 13 बार भूकंप आ चुका है। भू-वैज्ञानिक इसे एक बड़े भूकंप का ट्रेलर मान रहे हैं। उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से काफी संवेदनशील राज्य माना जाता है। इसके कई जिले जोन 5 में आते हैं, जिससे पता चलता है कि इन जिलों में भूकंप का खतरा बना रहता है.
उत्तरकाशी में ही फंसे हैं 40 मजदूर
बीते रविवार को उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन टनल लैंडस्लाइड के चलते ध्वस्त हो गई थी, जिसके अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बचाव अभियान में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं।