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ईडी के नाम पर कारोबारी के घर फर्जी छापेमारी, वकील पहुंचने पर हुए फरार, एक्शन में जांच एजेंसी

नई दिल्ली। दिल्ली के डीएलएफ इलाके में ईडी के नाम पर फर्जी छापेमारी और जबरन वसूली का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस सकते में है। दिल्ली पुलिस आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इस मामले की में जुटी है, जबकि केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) के अधिकारी सकते में हैं। जांच एजेंसी अब इस मामले की खोजबीन में जुटी है कि फर्जी छापेमारी करने वाले लोग कौन थे?

दरअसल, खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर डीएलएफ इलाके में रह रहे एक कारोबारी के खिलाफ ‘फर्जी’ छापा मारने और उससे पांच करोड़ रुपये की जबरन वसूली की कोशिश करने को लेकर सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

ऐसे खुला फर्जी छापेमारी का राज

ईडी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसे 22 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे सूचना मिली कि ‘कुछ लोग खुद को ईडी अधिकारी बताकर दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में अशोका एवेन्यू, डीएलएफ फार्म्स में फर्जी ईडी तलाशी कर रहे हैं।

एजेंसी ने कहा, ‘‘उसे यह भी बताया गया कि फर्जी ईडी अधिकारी पीड़ित को उसके बैंक खाते से पांच करोड़ रुपये निकालने के लिए हौज खास स्थित कोटक बैंक की शाखा में ले गए हैं, ताकि ईडी छापे के नाम पर यह राशि निकाली जा जा सके।

पीड़ित ने ईडी और पुलिस अधिकारियों को बताया कि 21 अक्टूबर की रात दो कारों में सवार होकर सात लोग उसके घर आए और दावा किया कि वे ईडी के अधिकारी हैं जो छापा मारने आए हैं। उसने अधिकारियों को बताया कि तीन लोगों ने उससे बातचीत की, जबकि बाकी लोगों ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था।

ईडी ने बताया कि ठगों ने पीड़ित से पूछा कि वह अपने बैंक खाते से नियमित रूप से नकदी क्यों निकाल रहा है। एजेंसी ने कहा कि उन्होंने उसे उसके पुराने बैंक खाते के कुछ चेक भी दिखाए और ‘फर्जी’ ईडी अधिकारियों ने उसे धमकी दी कि अगर वह उन्हें करोड़ों रुपये नहीं देगा तो वे उसे गिरफ्तार कर ले जाएंगे। एजेंसी के मुताबिक पीड़ित ने ठगों से कहा कि कि पैसे अगली सुबह ही बैंक से निकाले जा सकेंगे, इसलिए फर्जी ईडी अधिकारी उस रात पीड़ित के घर पर ही रुक गये।

ईडी के अनुसार, जब ठग अगले दिन उस व्यक्ति को बैंक ले गए, तो वह इस बीच अपने वकील को संदेश भेजने में ‘कामयाब’ हो गया, जो जल्द ही बैंक पहुंच गया और उसने ठगों से पहचान पत्र दिखाने को कहा। ईडी ने कहा, ‘‘फर्जी ईडी अधिकारियों को पकड़े जाने का संदेह हुआ और वे बैंक प्रबंधक द्वारा बैंक का गेट बंद किए जाने से पहले ही भाग गए।’ ईडी ने बताया कि पीड़ित के घर पर ही रुक गये कुछ अन्य ठग भी बैंक में हुई घटना की भनक लगते ही भाग गए। हालांकि, घर के गेट बंद होने के कारण वे अपनी कार नहीं ले जा सके।

पुलिस ने शुरू की जांच

पीड़ित ने इस घटना के बाद एजेंसी के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। वे पुलिस के साथ बैंक पहुंचे। ईडी ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीड़ित का बयान भी दर्ज कर लिया है। ईडी ने पीड़ित के घर पर खड़ी कारों को भी जब्त कर लिया है।