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‘आईपीआर’ दाखिल करना सभी IPS अधिकारियों के लिए अनिवार्य

आईपीएस अधिकारियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त हिदायत जारी की हैं। ये हिदायत, आईपीएस की संपत्ति के ब्यौरे को लेकर हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए अगले साल 31 जनवरी 2024 तक सभी आईपीएस अधिकारियों को अपना ‘अचल संपत्ति रिटर्न’ जमा कराने का निर्देश दिया है।

अगर कोई आईपीएस, ऐसा करने में असफल रहता है, तो उसे किसी तरह की माफी या छूट नहीं मिलेगी। जो भी अधिकारी, आईपीआर नहीं भरेगा, उसे विजिलेंस क्लीयरेंस यानी सतर्कता मंजूरी नहीं मिलेगी। इसका असर उनके करियर पर पड़ सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते दिनों उक्त आदेश जारी किया है। देशभर के सभी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को अगले साल 31 जनवरी तक आईपीआर जमा करानी होगी। इस बाबत मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखा है कि वे तय प्लेटफार्म के माध्यम से आईपीआर जमा कराना सुनिश्चित करें।

निर्धारित आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर 31 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन आईपीआर दाखिल की जाए। अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16 (2) के संदर्भ में, सभी आईपीएस अधिकारियों को पिछले वर्ष के संबंध में 31 जनवरी तक निर्धारित फॉर्मेट में अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) जमा करानी होगी। इस संबंध में आईपीएस अधिकारी, स्पैरो (स्मार्ट परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो) पर जानकारी हासिल कर सकते हैं। स्पैरो के तहत पहले से जारी डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) का उपयोग कर उसे प्रमाणित किया जाना आवश्यक है। आईपीआर जमा कराने की अन्य कोई दूसरी प्रक्रिया, स्वीकार नहीं की जाएगी।