पानीपत। गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की दी गई है। इसी कड़ी में सीएम फ्लाइंग व गुप्तचर विभाग की टीम चेकिंग अभियान चलाकर जींद के बाद सोमवार को पानीपत में भी अवैध रूप से रहने वाले चार बांग्लादेशियों को पकड़ा है, जिनकी पहचान जबर (40), सलीम (22), अख्तर रूल (20) व अली (25) के रूप में हुई है। जो ब्लीच हाउस पर काम कर रहे थे। इनमें से किसी के पास भी कोई वीजा या पासपोर्ट तक नहीं मिला। उनके पास से थाना इसराना के गांव चमराड़ा के पते पर बने आधार कार्ड भी मिले हैं।
मुख्यमंत्री उडऩदस्ता करनाल के निरीक्षक श्रवण कुमार के नेतृत्व वाली टीम ने गुप्तचर इकाई टीम के साथ सूचना के आधार पर गांव सौधापुर मोड जाटल रोड पानीपत से एक बांग्लादेशी युवक जबर निवासी गांव सिंधिया, जिला ठकरुदा को पकड़ा, जो आशू ब्लीच हाउस गांव डिडवाड़ी में मजदूरी का काम करता है। इसके पास कोई पासपोर्ट या वैध वीजा नही पाया गया। टीम को उसी ब्लीच हाउस पर ही सलीम निवासी गांव कसवा खेरवाडी, जिला रंगपुर बाग्लादेश, अख्तर रूल निवासी गांव जिगरा, जिला रंगपुर बाग्लादेश, अली निवासी गांव चिगोलमांडी, जिला दिनाशपुर बांग्लादेश भी कार्य करते है।
उक्त तीनों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उनके पास से थाना इसराना के गांव चमराड़ा के पते पर बने आधार कार्ड मिले। वो भी किसी तरह का कोई पासपोर्ट या वैध वीजा पेश नहीं कर सकें। ये सभी अवैध तरीके से यहां आकर रह रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि सभी आरोपित अपने आधार कार्डों में दिए गए पते को ठीक करवाने के लिए जाटल रोड गांव सौधापुर मोड पर स्थित साइबर कैफे पर आए थे। उनके पास से साइबर कैफे द्वारा पता ठीक करवाने के लिए जारी की गई रसीद भी मिली है। ऐसे में स्थानीय पुलिस द्वारा भी साइबर कैफे संचालक की भूमिका भी जांच के दायरे में हैं। उक्त बांग्लादेशी लोगों के पास से बांग्लादेश के तीन सिम भी बरामद हुए हैं। बांग्लादेशियों के आधार कार्ड कैसे बन गए, ये भी एक बड़ा सवाल है।
थाना पुराना औद्योगिक प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंदर ने बताया कि अवैध रूप से रहने वाले चार बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। बुधवार को अदालत पेश किया जाएगा। आधार कार्ड को लेकर पूछताछ की जा रही है। जींद में भी पकड़े जा चुके हैं। जींद के गांव पाजू खुर्द में मुआना लिंक रोड पर खेत में बने ब्लीच हाऊस से भी तीन पुरुष, दो महिला व एक बांग्लादेशी बच्चे को पकड़ा जा चुका है, जोकि अवैध रूप से भारत में आए थे। जो ब्लीच हाउस पर कपड़े के टुकड़े व कतरनों को धोकर सुखाने व ब्लीच करने का काम करते थे। उन्हें पहले अवैध तरीके से भारत आने वाला ठेकेदार सोहराब अवैध तरीके से लेकर आया था। जोकि बांग्लादेश में अपने गांव वा आस पास से लोगो को बुलाकर उनको यहां काम दिलाता था। उसके पास बांग्लादेश से अब्दुल वाहब, अजय, दुलाल व मोहम्मद नासिर भी आए थे। पश्चिमी बार्डर के लगते गांव से हैं अभी तक पकड़े गए सभी बांग्लादेश के पश्चिमी बार्डर के नजदीक गांवों से आए हैं। उन सभी को बांग्लादेश में गरीबी और बेरोजगारी का हवाला देकर यहां काम दिलाने की बात कहकर मजदूरी के लिए बार्डर पार करके भारत लाया जाता है, लेकिन अब उनका यहां के पते पर आधार कार्ड तक बन रहे हैं।