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यहां मिला सोने का खजाना, भारत की संपत्ति में हुआ इजाफा, दुनिया हैरान!

नई दिल्ली। सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि किसी भी देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक है। हाल ही में ओडिशा में मिले सोने के विशाल भंडार ने भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। वैज्ञानिकों की खोज ने इस राज्य को स्वर्ण खनन का नया केंद्र बना दिया है, जिससे न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की नजरें इस खजाने पर टिक गई हैं। ओडिशा के इस स्वर्णिम खुलासे ने देश के गोल्ड रिजर्व को मजबूत करने की उम्मीद जगा दी है। तो आइए जानते हैं कि कहां-कहां मिला यह खजाना और यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए क्यों खास है।

भारत का सोने का भंडार, रिकॉर्ड ऊंचाई पर

फरवरी 2025 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास 840.76 टन सोना था, जो 2024 की चौथी तिमाही में 876.20 टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। साल 2024 में भारत ने 73 टन सोना खरीदा, जिसमें नवंबर में 8 टन शामिल थे। भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत जैसे विकासशील देश अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ाने में जुटे हैं, क्योंकि सोना संकट के समय सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। ओडिशा की यह खोज इस रणनीति को और मजबूती दे सकती है।

ओडिशा बना सोने की खान

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर ओडिशा अब सोने के भंडार के लिए सुर्खियों में है। राज्य के खान मंत्री बिभूति जेना ने बताया कि सुंदरगढ़, नबरंगपुर, क्योंझर और देवगढ़ जैसे जिलों में सोने के विशाल भंडार मिले हैं। इसके अलावा बौध, मलकानगिरी और संबलपुर में भी खोज जारी है। मरेडिही, सुलेईपत और बादामपहाड़ जैसे इलाकों में चल रहे शोध प्रोजेक्ट इस खजाने की गहराई को उजागर कर रहे हैं। जल्द ही इन भंडारों की नीलामी की योजना है, जो राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकती है।

देवगढ़ का खजाना सबसे अनोखा

देवगढ़ जिला इस खोज का सबसे चमकता सितारा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने यहां तांबे की खोज के दौरान सोने के भंडार का पता लगाया। आदासा-रामपल्ली में पहले से ही सोने की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी थी, लेकिन अब गोपुर-गाजीपुर, मनकाडचुआन, सलेईकाना और दिमिरीमुंडा जैसे क्षेत्रों में भी स्वर्णिम संभावनाएं सामने आई हैं। ओडिशा सरकार ने देवगढ़ में पहला सोने का खनन ब्लॉक नीलाम करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो राज्य के खनन क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

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