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अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने एक मंच पर आए विभिन्न धर्मों के गुरू

मुंबई। एक रिपोर्ट के अनुसार अंगदाताओं की कमी के कारण हर साल 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। अंगदान से किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नई जिंदगी मिल सकती है। अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अब विभिन्न धर्मों के गुरू एक साथ हो गए हैं। इनमें हिंदू, जैन, सिक्ख, बौद्ध, ईसाई धर्मों के गुरू शामिल हैं। अब ये सभी धर्म गुरू मिलकर लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया है। मिरारोड के वाॅकहार्ट हाॅस्पिटल ने सभी समुदायों के धर्म गुरूओं के साथ मिलकर जीवन का उपहार, धर्म से परे अभियान शुरू किया है।

इस अवसर पर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट डाॅ. पुनित भुवानिया, कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डाॅ. प्रकाश तेजवानी, डाॅ. आशुतोष बघेल, डाॅ. अकलेश टांडकर और अस्पताल के सेंटर हेड डाॅ. पंकज धमीजा उपस्थित थे।
इस अवसर पर डाॅ. पुनित भुवानिया ने कहा कि वाकहार्ट किडनी ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट में हम विश्वास करते हैं। यह अभियान निश्चित रूप से रंग लाएगा और अंगदान के प्रति लोगों की मानसिकता बदल देगा। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के अंगदान से 8 लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है। एक व्यक्ति अधिकतम 8 अंग दान कर सकता है। हम इस जागरूकता अभियान को फैलाने के लिए सामुदायिक गुरूओं के साथ मिलकर काम करने वाले हैं। इस महत्वपूर्ण अभियान में जिम्मेदार नागरिकों को शामिल करना हमारा मुख्य उद्देश्य है।