देहरादून। नैनीताल जिले में हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में उस वक्त हिंसा की चिंगारी भड़क उठी, जब नगर निगम अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा था। हिंसा की आग इतनी भयावह थी कि पूरा शहर जल उठा। हिंसा में अब तक 2 लोगों के मारे जाने की खबर है। प्रशासन ने अब तक एक मौत की पुष्टि की है। हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और पुलिस स्थिति को कंट्रोल करने में जुटी है। फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया। इस एक्शन का रिएक्शन ऐसा हुआ कि पूरे इलाके में हिंसक स्थिति पैदा हो गई। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि तुरंत कर्फ्यू लगाने की स्थिति पैदा हो गई। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए।
पुलिस की मानें तो घटना में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम (अनुमंडलाधिकारी) भी शामिल हैं। हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 100 से अधिक लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे।
फिलहाल, हालात ये हैं कि हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं हैं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास कक्षा 1-12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की तथा अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए। इलाके में भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है। कुल मिलाकर इलाके में पूरी तरह से लॉकडाउन वाले हालात हैं ।
0 कैसे फैली हिंसा
दरअसल, बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे एवं मस्जिद को नगर निगम की टीम ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस बुलडोजर एक्शन के दौरान घटनास्थल पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जैसे ही मस्जिद और मदरसे को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया और बुलडोजर एक्शन में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करना शुरू कर दिया। जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहाया, भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसमें 60 से अधिक लोग घायल हो गए।
इसके बाद एक ओर एक्शन के खिलाफ गुस्साई भीड़ थी और दूसरी ओर पुलिस बल। इस मौके का फायदा उठाते हुए अराजक तत्वों ने जमकर बवाल काटा। अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया। भीड़ द्वारा पुलिस गश्ती कार सहित कई वाहनों को आग लगाने से तनाव बढ़ गया। देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। भले ही प्रशासन ने 60 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है, मगर बताया जा रहा है कि 300 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें सबसे अधिक पुलिसवाले हैं।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा
हल्द्वानी में हिंसा के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को हल्द्वानी में मस्जिद और मदरसे को ढहाए जाने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं को हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है। हालांकि, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा मामले में कोई राहत नहीं दी गई, जिसके बाद विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई। अब इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी को होगी।