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यहां कैदी नहीं रोगियों को जकड़कर रखा जाता है जंजीरों में, प्रशासन भी हुआ बेबस

हिसार। मानसिक रोगियों को जंजीरों में जकड़ कर रखना पड़ रहा है, क्योंकि न तो इन रोगियों के उपचार के लिए प्रशासन से कोई मदद मिल पा रही है और न ही इन लोगों के परिवारों के पास इतना पैसा है कि अपने स्तर पर इनका इलाज शुरु करवा पाए। हिसार में ऐसे दो मामले सामने आए है, जिनमें मानसिक रोगियों को जंजीरो में जकड़ कर रखना पड़ता है। क्योंकि मानसिक रोगी होने पर इनकी दिमागी हालत सामान्य नहीं रहती। ये अन्य लोगों से बेवजह झगड़े करते है, जिससे परिवार के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस कारण परेशानी से बचने के लिए इन्हें जंजीरों में जकड़ कर रखना पड़ता है।

शहर में रायपुर रोड पर न्यू जवाहर नगर में एक मानसिक रोगी 26 वर्षीय मुकेश को जंजीरों में जकड़ कर रखा गया है। क्योंकि मानसिक परेशानी के चलते यह युवक आस पड़ोस के लोगों से झगड़े करता था। इसके पिता की मौत हो चुकी है। इसकी पत्नी पूजा, माता सुमित्रा देवी ने बताया कि वे मजदूरी व घरों में सफाई आदि कार्य करके गुजारा चलाते है। घर में एक यहीं कमाने वाला था, लेकिन शराब का नशा करने पर मानसिक रोगी हो गया। इसके उपचार के लिए उनके पास पैसे भी नहीं है। सरकारी अस्पताल में उपचार करवाया, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ। हिसार के कैमरी रोड एरिया में करीब 42 वर्षीय अधेड़ भी मानसिक रोगी है। इसके परिवार वाले भी इसे घर में बंधक बनाकर रखते है, क्योंकि यह भी बेवजह आस पड़ोस में झगड़े करता है। इस कारण परेशानी से बचने के लिए इसके परिवार के लोग इसे घर से बाहर नहीं जाने देते। इसके पिता सतबीर ने बताया कि कई जगह उपचार करवाया, लेकिन आराम नहीं हुआ। प्रशासन से भी ऐसे लोगों के उपचार के लिए कोई मदद नहीं मिली है।

इन मामलों में मदद संस्था के संजीव भोजराज ने सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। पत्र में इन लाचार लोगों की मदद करने के लिए मार्गदर्शन भी मांगा है। पत्र में लिखा है कि एक गरीब परिवार ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।