गुरुग्राम। श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन मां बनने के सुख को गर्भवती महिलाएं सौभाग्यशाली माना है। उनका विचार है कि यह दिन ऐतिहासिक है और शायद ही जिंदगी में उन्हें यह दोबारा देखने को मिल पाए। ऐसे में इसी दिन पर अपने बच्चे को विशेष सुख है।
निजी अस्पतालों में गर्भवतियों और उनके परिवारवालों की गुजारिश को डॉक्टरों ने स्वीकार किया। जिन गर्भवतियों को 23 से 25 जनवरी तक की डिलीवरी की तारीख दी गई थी, उन सभी गर्भवतियों की डिलीवरी सिजेरियन कराई गई। डॉक्टरों के मुताबिक सभी जच्चा-बच्चा दुरुस्त हैं, जिसे लड़का पैदा हुआ उसे राम और जिसे लड़की उसे जानकी (सीता) नाम से पुकारा गया।
सिविल अस्पताल में कुल 11 प्रसव हुए इसमें दो सिजेरियन प्रसव गर्भवतियों की सिफारिश पर किए गए। कई गर्भवती महिलाओं ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा उन्होंने बच्चों का नाम भी भगवान के नाम पर रखे हैं। जिसे लड़का पैदा हुआ उसे राम और जिसे लड़की उसे जानकी (सीता) नाम से पुकारा गया। ऐसे कई मामले निजी अस्पतालों में भी देखने को मिले। स्वजनों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
राममय नजर आए अस्पताल
इस दिन पर डिलीवरी कराने के लिए कई गर्भवती महिलाओं ने निजी व सरकारी अस्पताल में पहले से ही डिलीवरी की बुकिंग करा रखी थी, जिले में छोटे-बड़े 41 सरकारी और 100 से ज्यादा निजी अस्पतालों का संचालन हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अस्पताल भी राममय दिखाई दिए।
कुछ अस्पताल तो भगवा रंग में रंगे नजर आए। मरीजों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। श्रीराम प्राण-प्रतिष्ठा का दिन अत्यंत शुभ है। इसलिए हर किसी की इच्छा थी कि उनके घर आने वाला मेहमान भी इस शुभ घड़ी में ही दुनिया में आए। स्वजनों ने बताया कि इस दिन जन्मा बच्चा अत्यंत सौभाग्यशाली है। उनमें श्रीराम जैसा ही प्रतापी और विराट व्यक्तित्व के गुण उसमें जन्मजात होंगे।
निजी अस्पतालों में भी हुआ सिजेरियन प्रसव
निजी अस्पतालों में गर्भवतियों और उनके परिवारवालों की गुजारिश को डॉक्टरों ने स्वीकार किया। जिन गर्भवतियों को 23 से 25 जनवरी तक की डिलीवरी की तारीख दी गई थी, उस सभी गर्भवतियों की डिलीवरी सिजेरियन कराई गई। डॉक्टरों के मुताबिक सभी जच्चा-बच्चा दुरुस्त हैं।