0 जज ने कहा – लोग नहीं बचाते तो हो जाती मेरी हत्या
रोहतास। सासाराम व्यवहार न्यायालय के दो जजों पर मंगलवार की शाम जानलेवा हमला हुआ है। गाड़ी खड़ी करने को लेकर बाइक सवार दो लोगों ने दोनों जज के साथ विवाद करते हुए गाली-गलौज किया। इस दौरान मारपीट भी की गई। उनका गला दबाकर मारने का भी प्रयास किया गया। बदमाशों ने जजों से कहा कि इसके पहले भी एक जज के साथ हमने ऐसा ही किया था। कोई हमारा बाल भी बांका नहीं सकता। दोनों जजों ने थाने में केस दर्ज कराया है। मामले में 2 लोगों की गिरफ्तार किया गया है।
घटना सासाराम मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बेदा गांव के पास स्थित पेट्रोल पंप के पास की है। पंचम अवर न्यायाधीश सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राम चंद्र प्रसाद और चतुर्थ अवर न्यायाधीश सह अपर मुख्य दंडाधिकारी देवेश कुमार पर हमला हुआ है। जज रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि मंगलवार शाम 7.20 बजे हम गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए बेदा पेट्रोल पंप जा रहे थे। रास्ते में रुककर कुछ सामान खरीद रहे थे। इसी दौरान एक बाइक ने टक्कर मार दी। हमारी गाड़ी को नुकसान हुआ। हम समझाने के लिए गाड़ी से बाहर निकले तो हमारी गाड़ी की चाबी निकाल ली। गाली गलौज करने लगे। थोड़ी देर में मारपीट करने लगे। एक ने मेरा हाथ पकड़ा तो दूसरा गला दबाने लगा। मेरी हालत खराब होने लगी थी। सांस लेना मुश्किल हो रहा था। लोगों ने छुड़वाया नहीं होता तो मेरी हत्या हो जाती। जब हमने अपराधियों को बताया कि हम जज हैं। तो वो कहने लगे पहले भी हमने एक जज के साथ ऐसा ही किया था। कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता। दोनों जज राम चंद्र प्रसाद और देवेश कुमार ने नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया। एसपी विनित कुमार ने बताया कि मामले में मुफ्फसिल थाना में केस दर्ज किया गया है। आईपीसी की 9 धाराओं 341, 323, 307, 279, 353, 379, 427, 504, 506 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बेदा गांव निवासी पेट्रोल पंप के मालिक रामाकांत सिंह (55) और शांतनु (38) को गिरफ्तार किया है। अन्य दो की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
बार संघ ने जताई चिंता
घटना को लेकर जिला विधिक संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने चिंता जताई है। उन्होंने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शहर में खराब ट्रैफिक व्यवस्था और बेलगाम बाइक सवार समस्या बन गई हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। जब जजों के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी का क्या होगा।