बंगलूरू। कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार का दिन हंगामे के नाम रहा। हनी ट्रैप और मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को लेकर सदन में भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। इसी क्रम में कर्नाटक विधानसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे 18 भाजपा विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से छह महीने के लिए निलंबित करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया। विधेयक को कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने पेश किया।
इसके बाद बीजेपी के इन विधायकों को निलंबित किए जाने के बाद विधानसभा से बाहर ले जाया गया। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया है, जिसमें मार्शल बीजेपी विधायक को कंधों पर टांगकर बाहर ले जाते नजर आ रहे हैं। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक निलंबित किए गए 18 बीजेपी विधायकों में डोड्डनगौड़ा पाटिल, अश्वथ नारायण, मुनिरत्न भी शामिल हैं। सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को 4 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक कर्नाटक विधानसभा में पारित हुआ।
कर्नाटक सरकार में मंत्री केएन राजन्ना ने गुरुवार (20 मार्च 2025) को सदन में कहा था कि केंद्रीय नेताओं समेत कम से कम 48 नेता हनी ट्रैप में फंस चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मुद्दा किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है। इसके बाद आज यानी शुक्रवार को बीजेपी के विधायकों ने सदन में हंगामा किया, क्योंकि कांग्रेस के कुछ विधायक हाथों में सीडी लेकर दावा कर रहे थे कि उनके पास हनी ट्रैक के सबूत हैं।
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक आर अशोक ने कहा, “यह किसी एक पार्टी का मामला नहीं है। यह जनता के लिए काम करने वाले विधायकों के खिलाफ बड़ी साजिश है। कुछ लोग अपने एजेंडे के लिए यह (हनी ट्रैप) कर रहे हैं।” सीएम सिद्धारमैया ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा, “हनी ट्रैप मामले में किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता। कानून के मुताबिक दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”