नागपुर। नागपुर हिंसा में दर्ज हुईं एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है। हिंसा के दौरान दंगाइयों की भीड़ ने कुछ महिला पुलिसकर्मियों के कपड़े फाड़ने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके। नागपुर में बीते सोमवार को उस वक्त हिंसा भड़क गई थी, जब विश्व हिंदू परिषद ने मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अफवाह फैली कि प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया। जिससे हिंसा भड़क गई।
हिंसा सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे नागपुर के चिटनिस पार्क के महाल इलाके में शुरू हुई। इस दौरान पुलिस पर दंगाइयों की भीड़ ने पथराव कर दिया और पेट्रोल बम भी फेंके गए। दर्जनों वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस के अनुसार हिंसा के मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि कुछ लोगों ने भलदारपुरा चौक पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके गए। एफआईआर के अनुसार अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने एक महिला पुलिसकर्मी को छूने और उसकी वर्दी फाड़ने की कोशिश की। भीड़ ने अन्य महिला पुलिसकर्मियों को गालियां दीं और आपत्तिजनक टिप्पणियां की। दंगाइयों ने महिला पुलिसकर्मियों को गलत इशारे भी किए।
संवेदनशील इलाकों में दो हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात- हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण लेकिन शांत बने हुए हैं। साथ ही शहर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जारी है। संवेदनशील इलाकों में 2,000 से अधिक सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसी तरह, त्वरित प्रतिक्रिया दल और दंगा नियंत्रण पुलिस को एक डीसीपी-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में गश्त पर तैनात किया गया है। वर्तमान में कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पांचपावली, शांत नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थानों के तहत आने वाले इलाकों में लागू है।