नई दिल्ली। साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई खटास को दूर करने और इस हिंसक संघर्ष के पांच साल बाद द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के लिए एक बार फिर कवायद तेज हो गई है। इसी के तहत दोनों देशों ने सीधी यात्री हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए एक दौर की बातचीत की है, लेकिन अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। सीमा संघर्ष के पांच साल बाद संबंधों में सुधार के प्रयासों के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों ने जनवरी में व्यापार और आर्थिक मतभेदों को सुलझाने पर काम करने पर सहमति जताई थी।
इस कदम से दोनों देशों के विमानन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से चीन के विमानन क्षेत्र को क्योंकि यह कोविड महामारी से उबरने में अन्य देशों के मुकाबले अभी पीछे है। नागरिक उड्डयन सचिव वी. वुअलनम ने नई दिल्ली में इंडियन चैंबर आफ कामर्स द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और चीन में हमारे समकक्ष के बीच एक दौर की बैठक हुई है, लेकिन, उन्होंने इस बाबत विस्तार से कुछ भी नहीं बताया। केवल इतना कहा कि अभी भी कुछ मुद्दों को सुलझाना बाकी है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। इस हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
इसके बाद भारत ने देश में निवेश करने वाली चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे, सैकड़ों लोकप्रिय ऐप पर प्रतिबंध लगा दिए थे और यात्री हवाई सेवाओं में कटौती कर दी थी, हालांकि सीधी मालवाहक उड़ानें जारी रहीं। सैन्य गतिरोध कम होने के बाद रिश्तों में नरमी अक्टूबर में सैन्य गतिरोध को कम करने के लिए एक समझौते के बाद से संबंधों में सुधार हुआ है। उसी महीने राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस में वार्ता की थी।