भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ संयुक्त उपग्रह मिशन का उद्देश्य जासूसी करना नहीं, बल्कि पृथ्वी का अध्ययन करना है। सोमनाथ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बाद पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए ‘सिंथेटिक एपर्चर रडार’ उपग्रह विकसित करने के लिए इसरो ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “ जीएसएलवी (रॉकेट) का अगला मिशन एनआईएसएआर मिशन है। नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन, जो एक बहुत बड़ा उपग्रह है। ‘पेलोड’ क्षमता के साथ-साथ आयतन के संदर्भ में रॉकेट का विन्यास और क्षमता लगातार बढ़ रहा है, जो काफी उपयोग होने वाला है। सोमनाथ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बाद पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए ‘सिंथेटिक एपर्चर रडार’ उपग्रह विकसित करने के लिए इसरो ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “ जीएसएलवी (रॉकेट) का अगला मिशन एनआईएसएआर मिशन है। नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन, जो एक बहुत बड़ा उपग्रह है। ‘पेलोड’ क्षमता के साथ-साथ आयतन के संदर्भ में रॉकेट का विन्यास और क्षमता लगातार बढ़ रहा है, जो काफी उपयोग होने वाला है।