हैदराबाद। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में शनिवार से हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है। बता दें कि सिर पर हिजाब पर प्रतिबंध बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार द्वारा लगाया गया था।
सिद्धारमैया ने कहा कि पोशाक और भोजन का विकल्प व्यक्तिगत है और किसी को भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सिद्धारमैया ने कहा, पीएम मोदी का सब का साथ, सब का विकास’ का नारा फर्जी है। बीजेपी परिधान और जाति के आधार पर लोगों और समाज को बांट रही है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि फरवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में क्लासरूम के भीतर हिजाब पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद एक-एक कर कई शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बाद कर्नाटक की तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाने के आदेश दिए थे।
बोम्मई सरकार ने कहा था कि कोई भी परिधान जिससे समानता, सार्वजनिक कानून एवं व्यवस्था बाधित होगी, उसकी मंजूरी नहीं दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में जमकर विरोध-प्रदर्शन हुआ था। साथ ही काफी विवाद भी हुआ था। बाद में यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद इस मुद्दे पर काफी सियासत हुई थी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया था। कोर्ट की खंडपीठ ने चीफ जस्टिस से अनुरोध किया था कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाए। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।