Diwali Festival 2023: धनतेरस के साथ ही दीपावली पर्व की शुरूआत हो चुकी है। शुक्रवार को धनतेरस था, वहीं आज छोटी दिवाली है। हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी के पर्व का बहुत खास महत्व होता है। इसे छोटी दिवाली, रूप चौदस, नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा नरका पूजा के नामों से भी जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है।
रूप चौदस के दिन संध्या के समय दीपक जलाए जाते हैं और चारों ओर रोशनी की जाती है। नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। हर साल यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। यानी यह पर्व दिवाली के एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद आता है। लेकिन इस बार नरक चतुर्दशी की सही तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी के लिए प्रदोष काल 11 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए छोटी दिवाली 11 नवंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में जो लोग मां काली, हनुमान जी और यम देवता की पूजा करते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्थी यानी छोटी दिवाली का पर्व मनाएंगे।
वहीं नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के दिन रूप निखारा जाता है, जिसके लिए प्रात: काल यानी सूर्योदय से पूर्व स्नान की परंपरा है। इसलिए उदया तिथि को देखते हुए कुछ लोग नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को मानाएंगे। इसी दिन बड़ी दिवाली भी है।
0 3 शुभ योग में है छोटी दिवाली
इस साल छोटी दिवाली पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन प्रात:काल से ही प्रीति योग बना हुआ है, जो शाम 04 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा जो अगले दिन शाम 04.25 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग देर रात 01 बजकर 47 मिनट से सुबह 06:52 बजे तक है।
0 छोटी दिवाली का महत्व
छोटी दिवाली के मौके पर यम दीपक जलाते हैं, रात्रि के समय में मां काली और हनुमान जी की पूजा करते हैं। ये दोनों ही संकटों से रक्षा करते हैं और नकारात्मकता को दूर करते हैं। उनके आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
0 यम दीपक जलाने का समय
11 नवंबर को ही नरक चतुर्दशी भी मनाई जाएगी। इस दिन शाम को 5.32 बजे सूर्यास्त होगा, उसके साथ ही प्रदोष काल शुरू हो जाएगा। शाम 5.32 बजे से आप यम का दीपक जला सकते हैं। यमराज के लिए तेल का चौमुखा दीपक जलाते हैं और उसे घर से दक्षिण दिशा में रखते हैं। कई स्थानों पर यम के दीपक को नाली के पास या फिर घर के मुख्य द्वार के पास दक्षिण दिशा में रखते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर यम के लिए दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और उस परिवार पर से अकाल मृत्यु का संकट खत्म होता है। यम दीपक से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।