नागपुर। नागपुर में हुई हिंसा के सिलसिले में शुक्रवार को 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में 10 किशोर भी शामिल हैं। घटना के सिलसिले में तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं।
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने कहा, ‘हिंसा के सिलसिले में शुक्रवार को शहर के अलग-अलग इलाकों से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों से संबंधित तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं।’ उन्होंने कहा कि शहर के कुछ इलाकों से कर्फ्यू हटाने का फैसला उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा। इस बीच सिंघल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सिविल लाइंस स्थित पुलिस भवन में बैठक की। हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मुख्य आरोपी फहीम खान पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की खबरें आईं थीं। ऐसी अफवाह थी कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर को नुकसान पहुंचाया गया।
17 आरोपियो को पुलिस हिरासत में भेजा
इस बीच नागपुर की एक स्थानीय अदालत ने यहां हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 17 लोगों को 22 मार्च यानी शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए अपराध ‘गंभीर प्रकृति’ के हैं और इसलिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। आरोपियों को गुरुवार रात मजिस्ट्रेट मैमुना सुल्ताना के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने उनकी सात दिनों की हिरासत मांगी, लेकिन अदालत ने केवल दो दिन की हिरासत को मंजूरी दी। इन लोगों को गणेशपेठ पुलिस में दर्ज की गई प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए 17 लोगों में से केवल चार का नाम प्राथमिकी में दर्ज है और अन्य की कोई विशेष भूमिका नहीं बताई गई है।