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चांदीपुरा वायरस से एक और बच्चे की मौत, अब तक 6 की गई जान, स्वास्थ्य मंत्री ने की ये अपील

अहमदाबाद। गुजरात में चांदीपुरा वायरस से एक और बच्चे की मौत हो गईं। उत्तर गुजरात के साबरकांठा व अरवल्ली जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीमें एक दर्जन गांवों में सर्वे कर चुकी हैं।

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को बताया कि पिछले पांच दिनों में राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत हो गई है। इन आंकड़ों के बाद जिससे संदिग्ध मामलों की कुल संख्या बढक़र 12 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ऋषीकेश पटेल ने एक वीडियो शेयर की अपील की है कि वर्षा ऋतु में यह वायरस फैलता है तथा इससे घबराने की जरुरत नहीं है, राज्य में अब तक इससे ग्रस्त 12 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य का स्वास्थ्य विभाग चांदीपुरा वायरस को लेकर पूरी तरह अलर्ट है, बीते सप्ताह इस वायरस ने 4 बच्चों की जान ले ली थी। हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में भर्ती एक और बच्चे की रविवार शाम को इससे मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब तक हिम्मतनगर तहसील के पीपलिया, रामपुर, हथरोल, रुपाल, कंपा गांव, खेडब्रम्हा तहसील के दिग्थली, भरमिया, सेबलिया, नाना कोदरिया, मामा पीपरी, उभा पोणा, पारगी फलियू आदि गांवों के करीब 3 हजार घरों का सर्वे किया।

स्वास्थ्य मंत्री ऋषीकेश पटेल ने बताया कि चांदीपुरा वायरस से ग्रस्त साबरकांठा में 4, अरवल्ली में 3, महीसागर व खेडा में 1-1, राजस्थान के 2 व मध्यप्रदेश का एक मामला राज्य में सामने आया है। अहमदाबाद के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश शर्मा बताते हैं कि मानसून में सर्दी, खांसी, पेटदर्द, डायरिया, उल्टी की शिकायत होने पर उपचार के साथ पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट कराएं।

गंदगी, पशुओं के मल-मूल व पानी जमा होने के कारण यह रोग फैलने का डर होता है। हिम्मतनगर सिविल अस्पताल के निवासी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विपुल जानी ने बताया कि अस्पताल में अब तक संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के 8 मामले सामने आए हैं, इनमें से 5 की मौत हो चुकी है जबकि 3 का उपचार चल रहा है। मृतकों में एक राजस्थान की खेरवाडा तहसील का बालक शामिल है, जबकि साबरकांठा व अरवल्ली के दो दो बच्चे हैं। चांदीपुरा वायरस जनित रोग नया नहीं हैं, इससे घबराएं नहीं सावधानी बरतें। सामान्यतया वर्षा ऋतु में सेंड फ्लाय मक्खी के काटने से यह रोग फैलता है। 9 माह से 14 वर्ष के बच्चों में यह पाया जाता है, राज्य में अब तक इसके 12 मामले सामने आए हैं। बच्चों में बुखार, उल्टी-दस्त, सिरदर्द और नसों में खिंचाव आना इसके लक्षण होते हैं।