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ऑनलाइन गेमिंग ने फिर ली एक नाबालिग की जान, 14वीं मंजिल से लगाई छलांग, मौके पर मौत

पिंपरी। महाराष्ट्र के पिपरी चिंचवाड़ के किवले में एक 16 वर्ष के नाबालिग ने ऑनलाइन गेम खेलते समय बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से छलांग लगा दी। बच्चे ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा। उसने सुसाइड नोट में लॉग ऑफ नोट लिखकर 14वीं मंजिल से छलांग लगा दी।

मिली जानकारी के अनुसार किशोर ने अपनी नोटबुक में कुछ स्केच और नक्शे बनाएं। पुलिस का शुरूआती अनुमान है कि गेम की लत लगने के बाद किशोर ने आत्महत्या की होगी। आत्महत्या करने वाले बच्चे ने लेपटॉप का पासवर्ड अभी भी माता पिता और पुलिस को नहीं बता है। इसलिए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के सामने जांच में यह बड़ी चुनौती है कि किशोर ने कौन सा गेम खेलकर आत्महत्या की? पुलिस बच्चे की आत्महत्या की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद लेगी।

डीसीपी स्वप्ना गोरे ने माता पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चे के मोबाइल लैपटॉप पर नजर रखें ताकि ऐसी दुर्घटना से बचा जा सके। मृतक किशोर की मां ने सरकार से अपील की है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में लड़का बहुत बदल गया था। वह आक्रामक हो रहा था। मुझे उसके सामने जाने से डर लगता था। इस गेम से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, मै उससे लैपटॉप ले लेती थी मगर वो मुझसे लैपटॉप छीन लेता था। वह मुझसे चाकू मांगता था। वह पहले ऐसा नहीं था।

बच्चे की मां ने आरोप लगाया है कि सरकार की गलती है। ऐसी वेबसाइटें बच्चों तक कैसे पहुंचती हैं? आज क्रे दौर में हर चीज डिजिटल हो गई है। जब ये सभी चीजें बच्चों के पास जाएं तो उन्हें सुरक्षित किया जाना चाहिए। 14वीं मंजिल से कूदने के बाद क्या होगा। ये बात मेरे बेटे को नहीं पता थी। सामने वाले ने उसके सामने आत्महत्या का टास्क रख दिया था। ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। ये हमारी अपील है। मै सरकार से अनुरोध करती हूं कि ऐसी बातें बच्चों तक न पहुंचने दें। उन्होंने कहा कि खुले नेटवर्क के माध्यम से कोई भी आपके बच्चों तक पहुंच सकता है। वहां कई चीजें हैं। इसमें एनीमेशन सीरीज हैं जो बीपीएन पर देखी जाती हैं। जो मेरे बेटे के साथ हुआ, वह दूसरे बच्चों के साथ न होने दें, मै सरकार से बस यही कहती हूं। वह अपने लैपटॉप की हिस्ट्री मिटा देता था।

बच्चे के पिता ने कहा मेरे को जो लैपटॉप दिया गया है उसमें पैरेंट्स लॉक है। इसे हटाकर वह लैपटॉप यूज कर रहा था। मेरा बच्चा पढ़ाई में अच्छा था। उसका रिजल्ट भी अच्छा आ रहा था। उन्होंने कहा कि आप बच्चों पर 24 घंटे ध्यान नहीं दे सकते। वह अपने लैपटॉप कही हिस्ट्री मिटा देता था। उसके दो मेल थे। ये तो मुझे भी नहीं पता था। उसकी नोटबुक में कुछ स्केच बने हुए थे। हमें भी इसकी जानकारी नहीं थी। इसमें दो टीमें लिखी और खेली गई। यह गेम ब्लू व्हेल जैसा ही है। पिता ने कहा कि पिछले छह महीनों में काफी बदलाव आया था। वह चाकू लेकर तरबूज को बहुत बारीक काटता और आग से खेलता था। स्कूल में भी काफी बदलाव हुआ था। हालांकि वह सुनने समझने के मूड में नहीं था।