पणजी- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा कश्मीर का राग अलापने और आर्टिकल 370 पर सवाल उठाने पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को बुरी तरह धो डाला। उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को आतंकी इंडस्ट्री का प्रोमोटर और प्रवक्ता बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके फॉरेन एक्सचेंज से भी गिरती जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकी पीडि़त और साजिशकर्ता एक साथ नहीं बैठ सकते हैं। उन्होंने बताया कि बिलावल के साथ बाकी के विदेश मंत्रियों की ही तरह बर्ताव हुआ। आतंकवाद के पीडि़त आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ एक साथ नहीं बैठते हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत दौरे पर आए थे। जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और आगे भी रहेगा।
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठक होगी। बता दें कि पाकिस्तान जम्मू- कश्मीर में जी-20 की बैठक को लेकर लगातार आपत्ति जता रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जी-20 और श्रीनगर से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ केवल पीओके बड़ा मुद्दा है। चीन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर असामान्य स्थिति है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीमा पर हालात सुधरने तक चीन के साथ सामान्य स्थिति नहीं है। चीन से डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। हालांकि, चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने दोहराया था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर है और दोनों पक्षों को मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए तथा सीमा पर स्थायी शांति के लिए शर्तों को और सरल एवं सहज बनाने पर जोर देते हुए संबंधित समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने प्रेस से बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। बिलावल ने आर्टिकल 370 खत्म करने के भारत के फैसले को गैर कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन कर भारत ने बातचीत के सारे रास्तों को बंद कर दिया है।
बिलावल बोले, कूटनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को हथियार नहीं बनाना चाहिए
भारत के आतंकवाद पर करारे वार की बात सीधे पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को जा लगी। बिलावल भुट्टो ने सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का आग्रह तो किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हमें कूटनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में नहीं पडऩा चाहिए। इसके बाद आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में बिलावल ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान जयशंकर ने मुझे कभी भी यह अहसास नहीं दिलाया कि हमारे बीच एससीओ के उद्देश्यों और चार्टर के अनुरूप हमारे बीच द्विपक्षीय रूप से कोई मुद्दा है। मुलाकात के दौरान ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि हमारे बीच द्विपक्षीय संबधों को लेकर कोई प्रगति नहीं है। वहीं भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पर बिलावल भुट्टो ने कहा कि स्पोट्र्सं को राजनीति और विदेश नीति से दूर रखना चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी। जयशंकर ने भुट्टो से हाथ नहीं मिलाया और फिर आदाब को भुलाकर नमस्ते करने को मजबूर कर दिया। आम तौर पर पाकिस्तान के नेता भारत दौरे पर दुआ की मुद्रा में हाथ उठाते हैं। मीटिंग से पहले जब जयशंकर विदेश मंत्रियों का इंतजार कर रहे थे, तो दूर से आते बिलावल को देखते ही उन्होंने दूर से ही हाथ जोड़ा। ऐसा लग रहा था कि बिलावल हाथ मिलाने की मुद्रा में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन जयशंकर के हाथ जोड़ते ही बिलावल को भी हाथ जोड़ पड़े। जब बिलावल ने हाथ जोड़ा, तो जयशंकर दूसरी तरफ देखने लगे।