मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे पुलिस कमिश्नर के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसके तहत उन्होंने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर का हथियार लाइसेंस रद्द कर दिया था। जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने खेडकर की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मामले को फिर से कमिश्नर के पास भेज दिया है।
अब कमिश्नर को खेडकर को तामिल करने के लिए नया नोटिस जारी करना होगा और उसके बाद, कानून के अनुसार उनके आवेदन पर उचित फैसला लेना होगा। बता दें कि पूजा खेडकर के विवादों में आने के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनकी मां मनोरमा खेडकर एक ज़मीन विवाद को लेकर गन लहराते हुए दिखाई दे रही थीं, इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया और 18 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच 23 जुलाई को पुणे पुलिस कमिश्नर ने खेडकर के हथियार लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किया था। खेडकर के वकील नारायण रोकड़े ने यह तर्क दिया कि हथियार लाइसेंस मामले की सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित थी, लेकिन उस समय खेडकर आपराधिक मामले में जेल में थीं और वे सुनवाई में भाग नहीं ले पाईं। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद, न्यायालय ने यह विचार किया कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं था कि खेडकर को नोटिस दिया गया था, जैसा कि कानून में अनिवार्य है। निर्णय में यह कहा गया कि चूंकि नोटिस की 10 दिन की अवधि समाप्त हो गई थी और कोई उपस्थित नहीं हुआ, तो यह माना गया कि खेडकर के पास अपनी ओर से कुछ कहने को नहीं था। इसके अलावा, चूंकि खेड़कर 18 जून 2024 से 2 अगस्त 2024 तक हिरासत में थीं, इसलिए वे सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सकती थीं।