ईरान द्वारा कब्जे में लिए गए इस्राइली अरबपति के जहाज पर सवार 17 भारतीय चालक दल में शामिल केरल की एन टेसा जोसेफ सुरक्षित भारत लौट आई हैं। गुरुवार को केरल के त्रिशूर की रहने वाली एन टेसा कोचीन हवाई अड्डे पर पहुंची, जहां उनका स्वागत किया गया।
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान के जरिए इस बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनकी सुरक्षित वापसी पर खुशी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मोदी की गारंटी हमेशा काम करती है। फिर चाहे वो देश हो या विदेश।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि तेहरान में भारतीय मिशन कंटेनर जहाज पर बचे शेष 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों के संपर्क में है। जहाज वर्तमान में ईरानी नियंत्रण में है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत लौटी चालक दल की सदस्य ठीक हैं और वे अपने परिजनों के संपर्क में हैं। अन्य भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए भारतीय मिशन ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है। शीघ्र ही उनकी भी वापसी होगी। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।
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यह है मामला ईरान की नौसेना ने 13 अप्रैल को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ओमान की खाड़ी में भारत की ओर आ रहे इस्राइली अरबपति के इस जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। इस जहाज पर 17 भारतीय सवार थे। सबसे पहले हेलीकॉप्टर से इस्राइली जहाज पर हमला किया गया था और इसके बाद ईरान की नौसेना ने इस पर कब्जा कर लिया था। इस जहाज का नाम एमएससी एरीज है और उसे आखिरी बार शुक्रवार को दुबई से होर्मुज की ओर जाते हुए देखा गया था। बताया गया है कि जहाज ने अपना ट्रैकिंग डाटा बंद किया हुआ था। इस्राइल के जहाजों द्वारा इस क्षेत्र से गुजरते समय अक्सर ट्रैकिंग डाटा बंद कर दिया जाता है।
0 तेहरान से सहायता का अनुरोध
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रविवार रात ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीराब्दोल्लाहियन और इस्राइल के विदेश मंत्री इस्राइल काट्ज से फोन पर बात की थी। रविवार शाम हुई बातचीत में ईरान-इस्राइल संघर्ष की वजह से बने हालात पर चर्चा की गई थी। इस दौरान ईरान द्वारा कब्जे में लिए गए जहाज पर मौजूद 17 भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर भी चर्चा बात हुई थी। इसके साथ ही तेहरान से सहायता का अनुरोध किया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीराब्दोल्लाहियन से बात की है। एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई पर चर्चा की। क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर भी बात हुई। इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश तनाव बढ़ाने से बचें, संयम बरतें और कूटनीति की ओर लौटें।