नईदिल्ली। भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में नामजद गायक व अभिनेता समर सिंह उर्फ समरजीत सिंह से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। समर सिंह को शुक्रवार की सुबह गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था। वह नंदग्राम थाना इलाके के राजनगर एक्सटेंशन के चार्म्स क्रिस्टल सोसायटी स्थित एक फ्लैट में रह रहा था। मामले के एक अन्य आरोपी आजमगढ़ के बिलरियागंज क्षेत्र के गद्दोपुर गांव निवासी संजय सिंह की तलाश जारी है। वाराणसी के सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में विगत 26 मार्च की सुबह भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे का शव फंदे में लटका मिला था।
25 मार्च की रात आकांक्षा ने किया आखिरी कॉल समर ने पुलिस को बताया कि 25 मार्च की रात आकांक्षा का आखिरी कॉल उसके मोबाइल पर आया था। शोरशराबा ज्यादा हो रहा था, इसलिए पांच-छह सेकेंड बाद उसने फोन काट दिया था। पुलिस के समक्ष बताया कि दोनों के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं रह गए थे, इसलिए इधर ज्यादा बात नहीं हो रही थी। कामकाज के सिलसिले में ही कभी-कभी बात होती थी। समर सिंह ने कहा कि हम और आकांक्षा बहुत करीब थे, यह अफवाह है। कैमरे के सामने हमारी जोड़ी अच्छी लगती थी, लेकिन उसका वास्तविक जीवन से कोई सरोकार नहीं था। हमसे ज्यादा वाराणसी और मुंबई निवासी दो युवक आकांक्षा के बहुत करीब थे। उनकी नियमित बातचीत भी आकांक्षा से होती थी। मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल कर पुलिस पता लगा सकती हैं कि उनकी हमसे और अन्य लोगों से कितनी बातचीत होती थी।
समर ने कहा उसे बलि का बकरा बनाया गया पुलिस कस्टडी में समर से खाना खाने के लिए पूछा गया तो उसने मना कर दिया। बस पानी मांगकर पीता रहा। वाराणसी पहुंचने तक वह बार-बार यह दोहराता रहा कि उसे बलि का बकरा बनाया गया है। बता दें कि कमिश्नरेट के सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर अंजनी लगातार कुमार पांडेय की सटीक सूचना पर आशापुर चौकी प्रभारी अखिलेश वर्मा, दरोगा अजय यादव और हेड कांस्टेबल रामबाबू, रामानंद यादव व दिवाकर वत्स की टीम ने समर को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में समर ने बताया कि उसके ऑफिस लखनऊ और मुंबई में हैं। रुपये के लेनदेन और उसके प्रमोशन से संबंधित कामकाज दोस्त संजय सिंह देखता है। उसे पता था कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में आजमगढ़ के मेंहनगर स्थित घर जाएगी। फिर, लखनऊ और मुंबई स्थित उसके ठिकानों पर छापा मारेगी। इसलिए जानबूझकर मुंबई नहीं गया और लखनऊ भी छोड़ दिया।
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद जांच में तेजी मुकदमा दर्ज होने के बाद समर घबरा गया था। उसने पुलिस को जो जानकारी दी, उसके मुताबिक, 27 मार्च को अपने सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए थे। जरूरत पड़ने पर व्हाट्सएप कॉल से खास लोगों से बात करता था। इधर, आकांक्षा दुबे की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कमिश्नरेट की पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई थी। उन्होंने हर हाल में समर की गिरफ्तारी जल्द सुनिश्चित करने का निर्देश पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन को दिए थे। पुलिस सर्विलांस की मदद से उन लोगों के मोबाइल नंबर की जानकारी ले रही थी, जो 26 और 27 मार्च को लगातार समर सिंह के संपर्क में थे। समर के करीबियों के मोबाइल की मदद से ही उसकी लोकेशन के बारे में सटीक जानकारी मिली। अब समर के मोबाइल को फॉरेंसिक लैब में भेज कर जांच कराई जाएगी। देखा जाएगा कि आकांक्षा से संबंधित कोई महत्वपूर्ण डेटा या चौट उसने डिलीट तो नहीं कर दिया।
कस्टडी रिमांड मांगेगी पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस समर सिंह को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद उसकी कस्टडी रिमांड मांगेगी। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दर्ज मुकदमे के संबंध में साक्ष्य जुटाने के लिए समर से विस्तार से पूछताछ किया जाना जरूरी है। यह स्पष्ट किया जाएगा कि आखिर समर ने ऐसा क्या किया कि आकांक्षा को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा। इसलिए अदालत से उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध किया जाएगा।
लुक आउट नोटिस और गैर जमानती वारंट जारी भोजपुरी गायक समर सिंह और संजय सिंह देश छोड़कर भागने न पाएं, इसके मद्देनजर कमिश्नरेट की पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी किया था। पुलिस के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने दोनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को ही गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। कुर्की का वारंट प्राप्त करने के लिए भी अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। हालांकि, समर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। अफसरों ने कहा कि संजय सिंह भी अब जल्द ही पकड़ा जाएगा।
मधु दुबे ने अदालत में पेश किया एक और प्रार्थना पत्र आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे की ओर से उनके अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने शुक्रवार को एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में एक और प्रार्थना दिया। इससे पहले बृहस्पतिवार को सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे की केस डायरी के साथ विवेचक को तलब किए जाने का अनुरोध अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय की अदालत में किया गया था। इसके बाद पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन की तरफ से भी स्थिति स्पष्ट की गई थी। पुलिस आयुक्त ने कहा था कि आकांक्षा दुबे ने आत्महत्या की थी। इस पर अधिवक्ता ने सवाल उठाए और कहा कि पुलिस ने आकांक्षा की बिसरा जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं बताया। उसके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब भेजने की जानकारी नहीं दी गई। पेट में मिले भूरे रंग के तरल पदार्थ के बारे में कुछ नहीं कहा गया। इसलिए पुलिस आयुक्त को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया जाए। अदालत ने 10 अप्रैल को संबंधित अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। —