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कोलकाता रेप-मर्डर केस में पीड़िता के पिता का सनसनीखेज खुलासा, बोले- मुंह बंद रखने के लिए…

कोलकाता। डॉक्टर रेप-मर्डर केस में पीड़िता के पिता ने बड़ा और सनसनीखेज खुलासा किय़ा है। पीड़ित परिवार ने कोलकाता पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस केस को खत्म करने के लिए पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। हमें शांत के लिए पैसे (रिश्वत) की पेशकश की थी। बुधवार को धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के साथ मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने यह बड़ा खुलासा किया है।

पीड़िता के पिता ने कहा कि शुरू से ही पुलिस इस केस को खत्म करने का प्रयास कर रही थी, यहां तक कि पोस्टमॉर्टम होने से पहले हमें शव को देखने की इजाजत नहीं दी गई। जब हमें शव दिया गया तब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पैसा देने की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत मना कर दिया था।

पीड़िता के माता-पिता ने बुधवार रात जूनियर डॉक्टरों के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विरोध-प्रदर्शन में भाग लेते हुए अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की, वहीं कोलकाता रेप और मर्डर केस घटना के सामने आने के बाद से ही कोलकाता समेत देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसमें डॉक्टरों सहित लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। कोलकाता में यह विरोध प्रदर्शन अभी भी चल रहा है। बुधवार को ही कोलकाता में हजारों महिलाओं ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए ‘रिक्लेम द नाइट’ नाम से पैदल मार्च निकाला। इस मार्च के तहत प्रदर्शनकारियों डॉक्टरों ने लोगो से रात 9 बजे अपने-अपने घर की लाइट बंद करने का आह्वान किया था, जिसके तहत लोगों ने अपने घरों में रात में लाइट बंद करके इस कैंडल मार्च में भाग लिया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी इस मुहिम में भाग लिया, जिसके तहत राजभवन में भी लाइट बंद कर दी गई थी।

बता दें कि 9 अगस्त को 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था। जांच में पता चला था कि डॉक्टर की रेप के बाद गला घोंटकर हत्या की गई है। घटना के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में उसे अपराध के अनुमानित समय के आसपास बिल्डिंग में घुसते हुए देखा गया था। इसके अलावा उसका ब्लूटूथ हेडफोन अपराध स्थल के पास मिला था। घटना के एक सप्ताह बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।