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धोखेबाज कपल! चूना लगाकर दंपती ने की 3500 करोड़ से भी अधिक की ठगी, प्लान सुन हर कोई दंग

जालंधर। पंजाब में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कपल ने लोगों को चूना लगाकर 3500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की ठगी की है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोपी कपल को गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल ये ईडी की हिरासत में हैं।

आइए जानते हैं लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाले इस दंपती की कहानी। क्लाउड पार्टिकल्स घोटाले में निवेशकों से हजारों करोड़ों रुपये ठगने वाली कंपनी व्यूनाउ ग्रुप के प्रमोटर दंपती को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन रोधी कानून में दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया है। जालंधर में विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरौर को दस व उसकी पत्नी डिंपल खरौर को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर दोनों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया। पिछले महीने ईडी ने इस मामले में आरिफ निसार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। व्यूनाउ ग्रुप का सीईओ व संस्थापक सुखविंदर सिंह खरौर इस घोटाले का मास्टरमाइंड है। ईडी ने कहा कि सीईओ ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर हजारों करोड़ रुपये के क्लाउड पार्टिकल्स के नाम पर घोटाला किया और निवेशकों का पैसा अपने निजी फायदे के लिए हड़प लिया। कंपनी ने निवेशकों को क्लाउड पार्टिकल्स (सर्वर) यह लालच देकर महंगे दामों में बेचे कि कंपनी ये क्लाउड पार्टिकल्स बाद में उनसे पट्टे (लीज) पर वापस ले लेगी और उनको किराए के रूप में मोटा लाभ देगी।

जांच में बिक्री और लीज-बैक मॉडल पर आधारित क्लाउड पार्टिकल्स का अंतर्निहित व्यवसाय मूल रूप से अस्तित्वहीन पाया गया और निवेशकों को धोखा देने के लिए अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। कंपनी ने इन आपराधिक गतिविधियों से 3,558 करोड़ रुपये की आय अर्जित की और इस आय का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के अलावा अन्य कार्यों में किया।

कपंनी ने यह पैसा वीएमएसएल व समूह की कंपनियों द्वारा चैनल भागीदारों को उच्च कमीशन देने, शानदार वाहनों, सोने व हीरे की खरीद, फर्जी संस्थाओं के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये की धनराशि इधर-उधर करने और संपत्तियों में निवेश करने में डायवर्ट किया गया।

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