जमशेदपुर। फिल्म अभिनेता सलमान खान से पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने और नहीं देने पर बाबा सिद्दीकी से भी बदतर स्थिति करने की धमकी देने के आरोपित शेख हुसैन को मुंबई की जुहू डीसीबी पुलिस ने झारखंड के जमशेदपुर से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। वह मानगो के आजादनगर थाना क्षेत्र का निवासी है और साकची में सब्जी बेचता था। विगत एक साल से साकची क्षेत्र में नहीं देखा जा रहा था। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के बाघमुंडी का रहने वाला है।
पुलिस ने शेख हुसैन के पास से उस मोबाइल को भी जब्त किया हैं जिससे मुंबई की ट्रैफिक पुलिस को वाट्सएप पर गुरुवार को एक धमकी भरा संदेश मिला था, जिसमें बालीवुड अभिनेता सलमान खान से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। संदेश में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ उनके विवाद को सुलझाने का दावा किया गया था। आरोपित को पुलिस गुरुवार को जमशेदपुर कोर्ट में प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले जाएगी। उसने बताया कि बीते कई दिनों से टीवी पर सलमान खान की हत्या कराने की खबरें चल रही थी। वह इन्हीं खबरों को देखा करता था। उसने सोचा की इसी बहाने वह सलमान खान से रंगदारी मांगने का मैसेज कर मामले को तूल पकड़ा सकता है। उसने इंटरनेट पर मुंबई ट्रैफिक पुलिस का नंबर सर्च किया और मुंबई पुलिस के वाट्सएप नंबर पर एक धमकी भरा संदेश भेज दिया, जिसके बाद उसने मोबाइल बंद कर दिया।
फिलहाल पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आरोपित किससे जुड़ा हुआ है, इसकी सच्चाई को पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए मुंबई पुलिस जमशेदपुर में चार दिनों से कैंप कर रही थी। शेख हुसैन ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का करीबी बताते हुए जो वॉट्सएप संदेश भेजा था, वह है, ‘इसे हल्के में मत लीजिए। अगर सलमान खान को जिंदा रहना है और उन्हें लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी खत्म करनी है तो उन्हें पांच करोड़ रुपये देने होंगे। अगर पैसे नहीं दिए गए तो सलमान खान की स्थिति बाबा सिद्दीकी से भी बदतर होगी।’वॉट्सएप पर धमकी भरा संदेश मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने वर्ली थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की। संदेश भेजने के बाद के बाद आरोपित ने मोबाइल फोन बंद कर लिया था।
तकनीकी जांच में पता चला है कि वह झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला है। संदेश जमशेदपुर से ही भेजा गया था। नौ अक्टूबर को उसका फोन नंबर बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला परिसर) में एक राष्ट्रीयकृत बैंक में था। जब राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की गई थी तो वह दिल्ली में था और उसके कुछ घंटों बाद वह बंगाल रवाना हो गया था। पुलिस की एक टीम को जमशेदपुर में थी, जबकि एक टीम को बीकेसी के राष्ट्रीयकृत बैंक में भेजा गया था।