अनुगुल। बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर में बाहानगा स्टेशन के पास हुए हादसे में तीन ट्रेनें शामिल थीं। हादसा इतना भयानक था कि लोग शायद आज भी उससे उबर नहीं पाए हैं। इन्हीं बिखरे पड़े डिब्बों को अब हटाने का काम किया जा रहा है। इन्हें अब हावड़ा भेजा जाएगा। इस काम में 60 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के निकट दुर्घटना स्थल पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के क्षतिग्रस्त डिब्बे और इंजन की नीलामी 3.82 करोड़ रुपये में कर दी गई है। नीलामी जीतने के बाद कोलकाता की कंपनी ने डिब्बों और क्षतिग्रस्त हिस्सों को तोड़ना शुरू कर दिया है।
हावड़ा में मोहित स्टील्स ने क्षतिग्रस्त डिब्बों को गैस कटर से काटकर अलग करने के लिए 60 से अधिक कर्मचारियों को लगाया है। स्क्रैपिंग नीति के तहत इन स्क्रैप को हावड़ा में स्थानांतरित किया जा रहा है।
यह प्रक्रिया 5 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इसे तोड़ने का काम जोरों पर है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक महीने से ज्यादा का समय लगेगा।
हावड़ा भेजे जाएंगे सारे के सारे डिब्बे
स्क्रैप को हावड़ा स्थित कंपनी के यार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा। त्रासदी के बाद से क्षतिग्रस्त और टेढ़ी-मेढ़ी बोगियां, जो इस त्रासदी की गवाही दे रही हैं, स्थानीय लोगों को उन भयानक हृदय-विदारक दृश्यों की याद दिला रही हैं, जो कई दिनों तक सामने आते रहे। इस त्रासदी में लगभग 300 लोगों की जान चली गई।
काम में एक महीने से अधिक लगेगा समय
साइट पर मौजूद मोहित स्टील्स के सुपरवाइजर सीताराम सिंह ने बताया कि कंपनी ने डिब्बों और इंजन को टुकड़ों में काटने के लिए लगभग 60 कर्मचारियों को लगाया है। इस काम में एक महीने से अधिक समय लगेगा और स्क्रैप को मालगाड़ियों या सड़क परिवहन के माध्यम से ले जाया जाएगा। बता दें कि 17 अक्टूबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (द्वितीय), भुवनेश्वर की अदालत ने एक इंजन सहित 21 क्षतिग्रस्त कोचों और वैगनों की नीलामी का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर के वरिष्ठ डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर थे, जबकि विपरीत पक्ष सीबीआई थी। याचिकाकर्ता के वकील उदित रंजन जेना के अनुसार, क्षतिग्रस्त कोचों और इंजनों की अब जांच की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और मुकदमे के लिए रिकार्ड अदालत में जमा कर दिया गया है।