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कोरोना से ठीक होने वालों को हार्ट अटैक का खतरा, आईसीएमआर के सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे

धनबाद। देश भर में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने एक सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट सोमवार को आइसीएमआर के जर्नल में प्रकाशित हुई है। सर्वें में यह बात सामने आई कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को साल भर हार्डवर्क अचानक से नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो रहा है।

साथ ही यह बात भी सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन से इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। इस सर्वे में एसएनएमएमसीएच धनबाद के चार चिकित्सक डा. ऋषभ कुमार राणा, डा.यूके ओझा, डा. रवि रंजन झा, डा. रवि भूषण भी शामिल हुए। इस दौरान देश भर से तीन हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए। इनमें धनबाद से 200 से ज्यादा सैंपल शामिल रहे। 1,200 से ज्यादा लोगों से इस बारे में जानकारी ली गई। यह शोध 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों पर की गई है। शोध में एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य डा. ज्योति रंजन की भी अहम भूमिका रही।

रिपोर्ट: कोविड टीकाकरण मौत का नहीं कारण

डा. राणा ने बताया कि भारत में कोरोना टीकाकरण ने लोगों की जान बचाई है। टीकाकरण के बाद भी कोविड की लहर आई, लेकिन टीकाकरण ने इसे गंभीर नहीं होने दिया है। कई जगह टीकाकरण को लेकर यह अफवाह फैली कि इससे हार्ट अटैक और अन्य इफेक्ट हो रहे हैं, लेकिन शोध में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।

निष्कर्ष: कोरोना से ठीक होने वाले अचानक हार्ड वर्क न करें

डॉ. राणा ने बताया कि अचानक से हार्ट अटैक से जान गंवाने वाले लोगों के बारे में जब शोध किया गया, तो यह बात सामने आई कि वैसे लोगों की ज्यादा हार्ट अटैक से मौतें हुई हैं, जिन्हें पहले कोविड हुआ था। अचानक से ऐसे लोगों को हार्ट अटैक हुए हैं। इन बातों की सलाह-जिन्हें कोरोना हुआ है, वैसे लोग अचानक से कोई हार्ड वर्क नहीं करें। -अचानक से तेज साउंड व बाजे वाले स्थान पर नहीं रहें, नृत्य नहीं करें- अचानक से तेज मार्निंग वॉक नहीं करें- जिम में जाकर तेज मेहनत न करें।