उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 15वां दिन है। हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है।
रविवार को सुरंग में 15 दिन से फंसे मजदूरों के पास पहली बार बीएसएनएल की घंटी बजी। इसके लिए बीएसएनएल ने छह इंच के पाइप की मदद से अपनी लाइन पहुंचाने के साथ ही एक छोटा लैंडलाइन फोन भी पहुंचा दिया है।अब बाहर बैठे रेस्क्यू अभियान के अधिकारी उनसे और बेहतर ढंग से संवाद स्थापित कर पा रहे हैं। 12 नवंबर को मलबा आने की वजह से जब 41 मजदूर सुरंग के भीतर फंसे तो उनसे बातचीत का एकमात्र जरिया चार इंच का पाइप था, जिसमें बेहद धीमी आवाज आ रही थी। रविवार को बीएसएनएल ने भी अपना कम्युनिकेशन सेटअप लगा दिया।
बीएसएनएल के डीजीएम पीके शर्मा ने बताया कि वहां एक्सचेंज स्थापित कर दिया गया है। बताया कि छह इंच के पाइप की मदद से भीतर लाइन पहुंचा दी गई है। एक छोटे लैंडलाइन की मदद से अब उनसे बातचीत की जा रही है।