इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले कई महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रही है। ताजा मामला जिरीबाम में 5 लोगों की मौत का है। जानकारी के मुताबिक, जिरीबाम में शनिवार को फैली हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई। दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प में पांच लोगों की मौत हो गई।
हथियारबंद लोगों ने कुकी समुदाय पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में पांच लोगों की मौत हो गई। जिरीबाम जिले के सेरौ, मोलजोल, रशीदपुर और नुंगचप्पी गांवों में हिंसा की आग फैली हुई है। शनिवार सुबह 10 बजे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। इन इलाकों में हालात बेहद तनावपूर्ण है। जिरीबाम जिला सशस्त्र शत्रुता का नया क्षेत्र बन गया है। बताया जा रहा है कि जिरीबाम जिले में गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, वहीं, सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के बंकरों को नष्ट कर दिया है।
कई महीनों से जल रहा मणिपुर
दरअसल, मणिपुर पिछले कई महीनों से हिंसक आंदोलन हो रहे हैं। राज्य में हर तरफ दंगे, आगजनी, अफरा-तफरी का माहौल है। हालात तनावपूर्ण है। स्थिति तब और बिगड़ गई जब उग्र भीड़ ने कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निवस्त्र कर घूमाया और उसका वीडियो वायरल कर दिया गया। फिर क्या था पूरे राज्य में हिंसा की आग सुलग गई।
इस वजह से सुलग रहा मणिपुर
बता दें कि मणिपुर में तीन समुदाय हैं, कुकी, मैतेई और नागा। इसमें कुकी और नागा समुदाय आक्रमक है। साल 1993 में दोनों समुदायों के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब नागाओं ने दावा किया कि कुकी समुदाय ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसकी एक बड़ी वजह ये थी कि नागा हमेशा से ही कुकी को विदेशी मानते थे। उनका मानना है कि कुकी बाहरी है और मणिपुर आकर वो उनकी संपत्ति हथियाना चाहते हैं। इसके बाद हिंसक आंदोलन शुरू हो गया, जो अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मणिपुर में आए दिन हिंसा, आगजनी, फायरिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कहे तो मणिपुर में हालात बेहद तनावपूर्ण है।