रायगढ़। पुलिस मुख्यालय रायपुर की तकनीकी सेल द्वारा साइबर ठगी से जुड़ी बड़ी कार्रवाई में करोड़ों रुपये के लेन-देन में इस्तेमाल किए गए म्यूल बैंक खातों का खुलासा हुआ है। इन खातों का उपयोग साइबर ठगों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को जमा करने, खर्च करने और बढ़ाने के लिए किया जाता था। इस संबंध में थाना चक्रधरनगर को पुलिस मुख्यालय से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर 59 बैंक खाताधारकों और अन्य संबंधितों पर 3 फरवरी को अपराध क्रमांक 58/2025 के तहत धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111, 3(5) बीएनएस के तहत धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साइबर ठगी का खेल- जांच में पाया गया कि हेमंत मालाकार निवासी बासनपाली थाना पुसौर, स्थानीय खाताधारकों से उनके बैंक खाते प्राप्त कर आर्य शुबल पटेल निवासी बाझिनपाली जूटमिल को सौंपता था। इसके बाद, आर्य शुबल पटेल इन खातों को आगे साइबर ठगों को उपलब्ध कराता था। इस प्रक्रिया में दोनों को भारी कमीशन मिलता था। इस संबंध में आगे विस्तृत जांच की जा रही है।
आरोपियों के खातों में लाखों का लेन-देन – जांच के दौरान साइबर सेल रायगढ़ से प्राप्त दस्तावेजों में खुलासा हुआ कि कौशल सिदार के खाते में एक बार में ₹1,00,000 जमा हुआ। धनीचरण बरेठ के खाते में 14 बार अलग-अलग तारीखों में कुल ₹8,50,000 ट्रांसफर किए गए। खाताधारकों को यह स्पष्ट जानकारी थी कि यह धनराशि साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त की गई है और यह अवैध संपत्ति है। पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
गिरफ्तार आरोपी-
- आर्य शुबल पटेल (31) निवासी बाझिनपाली, जूटमिल, रायगढ़।
- हेमंत मालाकार (25) निवासी बासनपाली, पुसौर, रायगढ़।
- कौशल सिदार (22) निवासी नंदेली, कोतरारोड़, रायगढ़।
- धनीचरण बरेठ (26) निवासी कुसमुरा, कोतरारोड़, रायगढ़।