Home » शादी का झांसा देकर किशोरी का दैहिक शोषण, आरोपी को 20 साल कारावास की सजा
छत्तीसगढ़ रायगढ़

शादी का झांसा देकर किशोरी का दैहिक शोषण, आरोपी को 20 साल कारावास की सजा

रायगढ़। किशोरी को शादी का झांसा देकर अन्यत्र ले जाने और दैहिक शोषण करने के मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदण्ड से दंडित किया है।

पीडिता के पिता ने चौकी जूटमिल में शिकायत दर्ज कराया था कि 15 जून 2020 की सुबह 8 बजे वह तथा उसकी पत्नी काम करने के लिए गये हुए थे, शाम को 6 बजे घर पहुंचे तो उसकी छोटी बेटीघर में नहीं थी। उसकी मझली बेटी ने बताया कि छोटी बेटी सुबह 11 बजे फोटो खींचवाने की बात कहकर निकली थी। जो अभ्ब तक वापस नहीं लौटी। आस-पास के रिश्तेदारों के घर तलाश करने पर भी पीड़िता का पता नहीं चला। जन्मतिथि 14 फरवरी 2005 के अनुसार वह नाबालिग है। परिजनों ने बताया कि इसके पूर्वकृष्णा मारकण्डे ने पीडिता को भगाकर ले जाने का प्रयास किया था। उन्हें शंका है कि पीड़िता को कृष्णा मारकण्डे बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। शिकायत के आधार पर थाना जूटमिल में धारा 363 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था।

विवेचना के दौरान 19 जून 2020 को पीड़िता को आरोपी के घर तिल्दा बांधा जिला बलौदाबाजार भांठापारा से बरामद किया गया। पूछताछ पर पीड़िता ने बताया कि 15 जून 2020 को आरोपी के द्वारा शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अपने साथ भगाकर ले गया और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया है। पीड़िता का महिला पुलिस अधिकारी से कथन कराया जाकर आरोपी के विरूद्ध धारा 366, 376 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का अपराध पाये जाने से प्रकरण में उक्त धाराएं जोड़ी गई एवं आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसे जेल भेज दिया गया। मामला उपार्पण पश्चात फास्ट ट्रेक के स्पेशल अदालत में पहुंचा जहां दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात विद्वान न्यायाधीश प्रतिभा वर्मा ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग धाराओं में 20 वर्ष के कठोर करावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। अर्थदण्ड नहीं पटाने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।