रायगढ़। जिले के घरघोड़ा ब्लॉक में बेटा के लापता होने के दो दिन बाद पिता के ट्रेन से कटकर आत्महत्या का मामला सामने आया है। इसके दो दिन बाद मृतक के घर के बाड़ी से नरकंकाल मिलने से पुलिस भी चौंक गई है।
जानकारी के अनुसार घरघोड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम फगुरम से 20 अप्रैल को एक युवक मनोज सिंह राठिया लापता हो गया। इसी बीच 22 अप्रैल की शाम 5 बजे उसके पिता पृथ्वी सिंह राठिया 65 साल ने कारीछापर रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी। पुलिस जांच में जुटी ही थी कि 24 अप्रैल को अचानक मृतक की बाड़ी में जली हुई लकड़ियों के बीच एक नर कंकाल का अंश मिला। इसके बाद मामला पूरी तरह से संदिग्ध हो गया।
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होता है। जहां पर नर कंकाल मिले, वहां खून के धब्बे भी नजर आ रहे हैं। इसके बाद पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मामले से सैंपल इकट्ठा किए और सभी को जांच के लिए भेजा है। परिजनों के अनुसार पिता अपने बेटे की तलाश के लिए घर से बाहर गया था, लेकिन उसने सुसाइड कर लिया।
ग्रामीणों के अनुसार युवक मनोज सिंह राठिया के लापता होने के बाद परिजनों के कहने पर सरपंच गुलाब राठिया और बीडीसी लता खूंटे ने गांव के लोगों से राय-मशविरा किया। इसमें युवक की तलाश करने की बात कही गई। मृत पिता पृथ्वी सिंह राठिया की बाड़ी में बैठक रखने को लेकर लोगों के बीच सहमति बनी। 24 अप्रैल की सुबह गांववालों ने 3 टीम बनाई अलग-अलग जगहों पर युवक की तलाश शुरू की। इसी बीच ग्रामीणों को मृतक पृथ्वी सिंह राठिया की ही बाड़ी में जली हुई लकड़ियों के बीच मानव कंकाल के अवशेष मिले। इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की जानकारी घरघोड़ा थाने में दी।
0 मानव कंकाल के मिले कुछ अंश
ग्रामीणों की सूचना पर घरघोड़ा थाने की पुलिस टीम, एसडीओपी दीपक मिश्रा के अलावा फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की, तो उन्हें मानव कंकाल के कुछ अंश मिले, साथ ही वहां पर रखे एक फावड़े पर खून के धब्बे भी मिले। सभी सैंपल को फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए भेज दिया है।
0 पिता और बेटे के बीच हुआ था विवाद
मृतक पृथ्वी सिंह राठिया के रिश्तेदार महेश राठिया का कहना है कि उसका उनके घर में आना-जाना था। बुधवार 18 अप्रैल की दोपहर 12 बजे भी वह उनके घर घूमने गया था। इस बीच पिता-पुत्र के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो रहा था। इसे देख वह वापस लौट आया था। महेश ने बताया कि जब वह शाम के करीब 4 बजे फिर से उनके घर पहुंचा तो देखा कि पिता पृथ्वी सिंह राठिया कोठार से कुछ मिटा रहे थे, शायद खून के धब्बे थे। साथ ही फावड़े से मिट्टी भी खोद रहे थे। रिश्तेदारों का कहना है कि उसने उन्हें आवाज भी लगाई, लेकिन पृथ्वी राठिया ने उन्हें देखकर भी अनदेखा कर दिया और दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद वह पुनः वापस अपने घर लौट आया था। फिलहाल पुलिस ने साक्ष्य इकट्ठा कर सेंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। बताया जाता है कि पृथ्वी सिंह जिस दिन सुसाइड करने निकले उस दिन अपने 8 साल के पोते को पैसे, चेक और बैंक का पासबुक सौंपकर बाहर निकले थे। बहू को ये कहा कि बेटे को ढूंढ़ने जा रहे हैं। बहू ने बताया कि 20 अप्रैल को जब उसके ससुर बाड़ी में काम कर रहे थे तो मनोज अपने पिता को खाना देने के लिए गए थे, इसके बाद से ही वह लापता थे।
इस संबंध में एसडीओपी दीपक मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच जारी है। पिता पृथ्वी सिंह ने सुसाइड किया है, वहीं लापता बेटे की तलाश की जा रही है। बाड़ी से मिले मानव कंकाल के अवशेषों को जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।