रायपुर। बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण से निकलकर एक बाघ मंगलवार को कसडोल पहुंच गया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रायपुर से भी वन विभाग के अफसर गांव में पहुंचे। 9 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद कसडोल नगर के पारस नगर के आसपास बाघ को रेस्क्यू किया गया।
रविवार को यह बाघ लवन नगर पंचायत के कोरदा और आसपास के गांवों में घुसा था। जिसके बाद गांव के लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद टाइगर सुबह कसडोल के आसपास जा पहुंचा। 6 माह पहले ही बारनवापार अभ्यारण में बाघ की मूवमेंट देखने को मिली थी। हालांकि इस स्थिति में बारनवापारा के आसपास के गांव और जंगलों में मॉनिटरिंग की जा रही थी। 10 दिन पहले ही सूचना मिली थी कि कसडोल के सिद्धखोल के आसपास बाघ देखा गया है। इसके बाद वन विभाग की टीम अलर्ट थी।
मंगलवार को सुबह जानकारी मिली कि बाघ कसडोल नगर के आसपास गोरधा गांव में पहुंचा है। गांव के ही कुछ लोगों द्वारा बाघ को देखा गया जिसके बाद वन विभाग की टीम वहां पर पहुंची और ड्रोन की मदद से बाघ पर नजर रखी जा रही थी। रेस्क्यू के लिए वन विभाग द्वारा पिंजरा भी लाया गया। कुछ देर बाद ही बाद बाघ कसडोल नगर के पारस नगर में जा पहुंचा। वन विभाग की 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया गया। पकड़े गये बाघ को अचानकमार अथवा गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में छोड़ा जा सकता है। यहां इलाज और कॉलर आईडी लगाने के बाद पुनः जंगल में छोड़े जाने की चर्चा है।
वनमंडला अधिकारी बलौदा बाजार मयंक अग्रवाल का कहना है कि बाघ पिछले 6 माह से बार नवापारा अभ्यारण में घूम रहा था, कल उसे लवण क्षेत्र के ग्राम करदा में देखा गया । आज कसडोल के पारस नगर के गोरदा क्षेत्र में देखा गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने उसे पकड़ लिया। उच्चाधिकारियों का जैसा निर्देश होगा उसे संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।