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छत्तीसगढ़ रायपुर

सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड उम्मीदवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड) डिग्री धारकों को अस्थायी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बीएड उम्मीदवारों को सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था।
हाईकोर्ट का निर्णय देवेश शर्मा बनाम भारत संघ के मामले में हाल ही में सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले पर आधारित था। इस फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीएड उम्मीदवार प्राथमिक विद्यालय शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के पात्र नहीं हैं क्योंकि उक्त पद के लिए निर्धारित योग्यता प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा (डी.एल.एड.) है।

हालाँकि, मामले में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने देवेश शर्मा के फैसले की गलत व्याख्या की है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने संभावित ओवर-रूलिंग के सिद्धांत को ध्यान में रखे बिना, फैसले को पूर्वव्यापी रूप से लागू करके एक त्रुटि की है। सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, जिसमें 6285 पद भरने शामिल थे, देवेश शर्मा का फैसला आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी। परीक्षा आयोजित की गई, और परिणाम घोषित किए गए, जिसमें याचिकाकर्ताओं को सफल उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया गया। फैसले के बाद ही कुछ डी.एड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने की मांग की। इसके बाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित कर बीएड योग्यता वाले उम्मीदवारों के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी और असम लोक सेवा आयोग बनाम प्रांजल कुमार के मामले का हवाला दिया, जिसमें यह माना गया था कि चयन प्रक्रिया की शुरुआत में मौजूद मानदंड चयन को नियंत्रित करेंगे, और मानदंडों में कोई भी बदलाव प्रभावित नहीं करेगा। जब तक नए नियमों को पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं दिया जाता तब तक प्रक्रिया जारी रहेगी।

इन दलीलों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्ना और पीके मिश्रा की बेंच ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दे दी। हांलाकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के तहत की गई नियुक्तियां मामले में हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वकीलों की एक टीम ने किया, जिसमें रवींद्र श्रीवास्तव, अंशुमान श्रीवास्तव, सुश्री नौशीना अली, अनिकेत सिंह दास, अभिषेक शर्मा, सुश्री सुकृति चौहान, सुश्री देवांगना सिंह, सुश्री सान्या शुक्ला शामिल थीं। , अभिजीत श्रीवास्तव, संजय हेगड़े, डॉ. मनोज गोर्केला, सुश्री सीतवत नबी, सुश्री इंदिरा गोस्वामी, वरुण कुमार, अभिषेक कुशवाह, अदुतिया वीर, सुश्री रैना आनंद, और अंकित श्रीवास्तव, गोरकेला लॉ ऑफिस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मामला, हरिशंकर और अन्य बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य, अब हाईकोर्ट द्वारा आगे के विचार के लिए लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से, बीएड उम्मीदवार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में इच्छुक शिक्षकों को अस्थायी राहत मिलेगी।