कांकेर। मासूम की मौत के बाद मां ने शव को गले से लगाया फिर सीने से लगाकर दर-दर भटकती रही। बच्चे का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने भी उसकी इस पीड़ा को नहीं समझा। यह पूरा मामला कांकेर जिला का है।
जानकारी के अनुसार मलांजकुडूम की रहने वाली मनसू गावड़े 22 वर्ष की शादी मुरागांव निवासी लक्ष्मण गावड़े से हुई थी। शादी के बाद से ही रिश्ता कुछ ठीक नहीं चल रहा था। कुछ समय बीतने के बाद महिला गर्भवती हुई और एक बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती होने के बाद से ही महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था, पति ने भी पत्नी का ईलाज नहीं कराया। आए दिन पति-पत्नी के बीच विवाद से तंग आकर मनसू गावड़े अपने मायके लौट आई। यहां भी पिता ने मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए उसे घर से बेदखल कर दिया। इसके बाद से मनसू मायके में इधर-उधर घूम-घूमकर मांग कर जीवन यापन कर रही थी। इसी बीच बच्चे की मौत हो गई। इस बात का पता तब चला जब मलांजकुडम जलप्रपात देखने आए लोगों ने उसे वहां इधर-उधर घूमते व मांगते देखा। महिला ने भी लोगों से कुछ मदद की गुहार लगाई। लोगों ने जब कुछ जानकारी चाही तो महिला ज्यादा कुछ बोल नहीं सकी। जब उसने लोगों को बताया कि उसका दो साल का बच्चा शनिवार को दम तोड़ चुका है और उसके कफन-दफन के लिए मदद की आवश्यकता है तब लोगों ने इस बात की जानकारी नगर पालिका के कर्मियों को दी फिर महिला को सखी-सेंटर भेजा गया। वहीं कांकेर थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर उसका अंतिम संस्कार नगर पालिका की मदद से करा दिया गया है। बच्चा कुपोषित था और महिला को सखी सेंटर भेज दिया गया है। महिला का पहले काउंसिलिग कराया जाएगा इसके बाद परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
