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रायपुर

व्यापारी का अपहरण कर मांगा एक करोड़ की फिरौती, दो गिरफ्तार, 3 की तलाश जारी

रायपुर। व्यापारी का अपहरण करने वाले दो अंतर्राज्यीय आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी शॉर्टकट तरीके से करोड़पति बनने की चाहत में पूरी प्लानिंग के साथ किडनैपिंग की इस वारदात को अंजाम दिया था। अपहरणकर्ताओं ने 1 करोड़ की फिरौती मांगी थी। मामले में शामिल अन्य 3 फरार आरोपियों की पतासाजी में पुलिस जुटी हुई है।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त कार नंबर एम/07/बी ए/3697 को जब्त किया है। वहीं अपहृत सिद्धार्थ आशटकर को कवर्धा के दशरंगपुर से सकुशल बरामद किया था। गिरफ्तार दोनों अपहरणकर्ता मूलतः मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले हैं। वर्तमान में आरोपी अंकित मिश्रा दुर्ग जिले के अम्लेश्वर में और आरोपी राज तोमर रायपुर के कमल विहार में रह रहे थे। आरोपी राज तोमर पूर्व में जिला ग्वालियर के थाना गोले का मंदिर एवं जिला मुरैना के थाना महुवा से हत्या के प्रयास, मारपीट, आगजनी सहित 6 से अधिक मामलों में जेल की सजा काट चुका है। पुलिस की नाकेबंदी के कारण आरोपी पकड़े जाने के डर से अपहृत सिद्धार्थ आशटकर को कवर्धा के दशरंगपुर के पास छोड़कर भाग गए थे।

उपेन्द्र साव ने थाना डीडी नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह ग्राम बरनईदादार थाना सांकरा जिला महासमुंद का रहने वाला है। वर्तमान में सिद्धार्थ आशटकर के हास्टल डंगनिया बाजार के पीछे रायपुर में रहता है। उसके इंटीरियर पेराडाइस वालपेपर शाप डंगनिया मोड में लगभग 5 माह से काम कर रहा है। 6 मई की रात्रि लगभग साढ़े 8 बजे दुकान मालिक सिद्धार्थ आशटकर घर चले गये थे। उपेन्द्र साव जब दुकान बंद कर रहा था तभी दो ग्राहक दुकान में वालपेपर देखने आये और दुकान मालिक सिद्धार्थ आशटकर को पूछे तो उपेन्द्र ने बताया कि वे घर चले गये हैं।

इस पर ग्राहक सिद्धार्थ आशटकर को फोन लगाकर बुलाए। सिद्धार्थ दोबारा दुकान आया और ग्राहक को वालपेपर दिखाया। ग्राहक वालपेपर पसंद कर चले गये। उनके जाने के बाद दोनों लगभग 8.50 बजे दुकान बंद कर रहे थे तभी एक स्लेटी कलर का कार दुकान के सामने आकर रुकी, जिसमें से तीन व्यक्ति उतरे और दुकान के अंदर घुस गए। सिद्धार्थ आशटकर एवं उपेन्द्र उन्हें ग्राहक समझकर उनके पीछे दुकान के अंदर आये तब तीन व्यक्तियों में से एक व्यक्ति दुकान का आलमारी और दराज को टटोलने लगा और सामान को फेंकने लगा।

सिद्धार्थ ने कहा क्या हो गया, क्यों एसे कर रहे हो। तीनों ने धमकी देते हुए कहा कि किनारे खड़े रहो। इसके बाद उपेनद्र का मोबाइल लिए। एक व्यक्ति सिद्धार्थ को पकड़कर खींचने लगा। सिद्धार्थ ने जब विरोध किया तो तीनों लोग मिलकर छीना-झपटी करते हुए और उसे खींचते हुए दुकान से बाहर कार में बिठाकर डंगनिया की तरफ ले गए। इसके बाद उपेन्द्र दौड़े-हांफते सिद्धार्थ आशटकर के घर जाकर घटना के बारे में उनके परिजनों को जानकारी दी। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराया जिसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ डीडी नगर में अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस पतासाजी में लगी थी।

0 ऐसे पकड़ाए
पुलिस की अलग-अलग टीम शहर के कई स्थानों में नाकेबंदी की। अपहृत के परिजनों से घटना के संबंध में पूछताछ करने के साथ ही उपेन्द्र से आरोपियों के हुलिये और उनकी ओर से उपयोग किये गये चारपहिया वाहन के संबंध में भी पूछताछ की। पुलिस की कड़ी नाकेबंदी को देखकर किडनैपर घबरा गए और दबाव में आकर सिद्धार्थ को कवर्धा जिले के दशरंगपुर में छोड़कर भाग गए। पुलिस ने अंकित मिश्रा को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अन्य 4 साथियों के साथ मिलकर सिद्धार्थ आशटकर का अपहरण करना स्वीकार किया गया। पुलिस ने अंकित मिश्रा 26 वर्ष निवासी लोहामण्डी थाना किलागेट ग्वालियर एमपी, व राज तोमर 24 वर्ष निवासी ग्राम महुवा जिला मुरैना एमपी को गिरफ्तार किया है, वहीं मामले में शामिल 3 अन्य आरोपियों की पतासाजी में पुलिस जुटी हुई है।

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