रायपुर। नक्सलवाद के खात्मे को लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) बस्तर के सबसे अधिक नक्सल-हिंसा प्रभावित क्षेत्र में 4,000 से अधिक कर्मियों की चार और बटालियनें तैनात करने जा रहा है। यह देश को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त करने की रणनीति का हिस्सा है।
रणनीति के तहत अब तक प्रदेश में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक बटालियन यानी 800 जवानों को भेजा जा चुका है। हालांकि एक समाचार एजेंसी के मुताबिक 4,000 जवान छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे। मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा काम कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े बल ने प्रदेश में इन चार बटालियनों समेत 40 बटालियन तैनात की हैं। साथ ही इस क्षेत्र में कोबरा बटालियन के जवान भी तैनात किए गए हैं।
0 जहां नक्सलवाद कम, वहां से हटाया फोर्स
जानकारी के मुताबिक झारखंड से तीन और बिहार से एक बटालियन वापस ले ली गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों राज्यों में नक्सली हिंसा की स्थिति में सुधार हुआ है और घटनाएं नगण्य हैं। इन बटालियनों का बेहतर उपयोग छत्तीसगढ़ में किया जा सकता है, जहां अब नक्सल विरोधी अभियान केंद्रित हैं। बस्तर में सीआरपीएफ की 159, 218, 214 और 22 नंबर बटालियन को तैनात किया जा रहा है।
प्रत्येक सीआरपीएफ बटालियन में लगभग 800 जवान होते हैं। इन्हें दंतेवाड़ा और सुकमा के दूर-दराज के जिलों और ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ राज्य की त्रि-जंक्शन सीमा के दूरदराज के स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। बस्तर में अधिक फारवर्ड आपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित करने के लिए सीआरपीएफ यहां कोबरा इकाइयों के साथ हाथ मिलाएंगी तीन वर्षों में प्रदेश में लगभग 40 FOB बनाए गए हैं।
वहीं आइजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी. का कहना है कि बस्तर में तीन हजार से अधिक जवान तैनात किए जाएंगे। अभी केंद्र से 800 जवान आ चुके हैं। नक्सलियों के खिलाफ मुहिम जारी है।