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छत्तीसगढ़ रायपुर

कोल स्कैम मामले में दो आईएएस अधिकारी सहित कई कारोबारी पहुंचे सलाखों के पीछे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। प्रदेश कोल और शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है। कोल घोटाले में दो आईएएस अधिकारी, एक उपसचिव, नेता, बिजनेसमैन और कई लोग सलाखों के पीछे हैं।

शनिवार को प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी रानू साहू को ईडी ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि कोल स्कैम की जांच कर रही ईडी को नए-नए सुराग मिल रहे हैं। इसके साथ ही वे फंसते जा रहे हैं। इससे पहले एक और महिला अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया था। आपको बताते हैं कि इस गिरफ्तारी में क्या कनेक्शन हैं। साथ ही कोल स्कैम में घोटालेबाजों की फेहरिस्त कितनी लंबी है। शनिवार को ईडी ने छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई करते हुए रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में दूसरी बड़ी महिला अधिकारी हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। स्पेशल कोर्ट में अजय सिंह राजपूत ने सुनवाई करते हुए रानू साहू को ईडी की 3 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। ईडी का मानना है कि रानू साहू ने गलत तरीके से 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की है। साथ ही इस पूरे स्कैम में सहयोग करने का आरोप लगाया है। दरअसल, कोल स्कैम में अब तक जितनी भी गिरफ्तारियां हुईं, उनमें सभी के तार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा रानू साहू और सौम्या चौरसिया की हो रही है।

कथित जानकारी मिली है कि रानू साहू और सौम्या चौरसिया शासन के करीब थे। कहा जाता है कि कोल स्कैम की शुरुआत कोरबा से हुई। रानू साहू धमतरी निवासी है। वह साल 2005 में डीएसपी बनी थी। प्रशिक्षु डीएसपी के तौर पर उन्होंने कोरबा में ही सर्विस शुरू की। कोरबा में ही पदस्थापना के दौरान उनका चयन आईएएस के रूप में हुआ। अब तक वे चार जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं। अभी रानू साहू के पास मंडी बोर्ड की एमडी और डायरेक्टर एग्रीकल्चर की पोस्ट थी। वर्तमान कलेक्टर आईएएस संजीव झा से पहले रानू साहू कोरबा की कलेक्टर थी। तबादले में वह कोरबा से रायगढ़ कलेक्टर बनी। जहां वह ईडी के रडॉर पर आ गई। जांच के दौरान मिले सुराग के बाद ही ईडी ने रानू साहू के ठिकानों पर दबिश दी। जांच में सबूत मिलने के बाद रानू को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी की मानें तो सौम्या चौरसिया के निर्देश पर रानू साहू इस पूरे स्कैम में भूमिका निभा रही थीं। छत्तीसगढ़ कोल स्कैम का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी है। आरोप है कि कोल ट्रांसपोर्टिंग में उसके जरिए 25 रुपए प्रति टन की वसूली होती थी। सूर्यकांत तिवारी ही वह शख्स है, जिसने वसूली का खेल खेला। इसमें उसने शक्तिशाली अधिकारी सौम्या चौरसिया की शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल किया।

ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह कहा है कि सूर्यकांत तिवारी ने सौम्या चौरसिया से मिल रही प्रशासनिक ताकत का इस्तेमाल करके ट्रांसपोर्टेशन के कई नियम बदले हैं। कोल स्कैम में ईडी आईएएस समीर विश्नोई को भी गिरफ्तार किया है। वह महीनों से जेल में हैं। बताया जाता है कि आईएएस समीर विश्नोई के जरिए ट्रांसपोर्टेशन की प्रक्रिया को मैनुअल किया गया। ईडी ने कोर्ट में बताया है कि मामले में आने वाले धन का निवेश चल अचल संपत्ति में किया गया है। ईडी ने इस पूरे मामले में जिन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है, उनमें सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, निखिल चंद्राकर और अब रानू साहू शामिल हैं। आईएएस रानू साहू के घर पर आयकर विभाग ने भी छापेमारी की है। ईडी ने पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति को अटैच किया है। रानू साहू से पूछताछ के दौरान कई लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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