Home » 40 नाबालिगों से कुकर्म करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चंगुल में फंसाने के लिए करते थे गंदा काम
देश राजस्थान

40 नाबालिगों से कुकर्म करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चंगुल में फंसाने के लिए करते थे गंदा काम

जयपुर। राजस्थान के नागौर में 40 नाबालिगों से कुकर्म करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। प्रशासन ने गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपित के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। मुख्य आरोपित मोहम्मद रसूल ने करीब दो सौ वर्ग गज जमीन पर कब्जा करके घर बना लिया था। नागौर में 15 वर्षीय बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या के मामले की पुलिस जांच कर रही थी।

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नागौर में पैसे, कपड़े और अच्छा भोजन करवाने का लालच देकर कुछ लोग बच्चों को अपने चंगुल में फंसाकर उनके साथ कुकर्म करते हैं। इस गिरोह में शामिल एक दर्जन आरोपितों ने अब तक करीब 40 नाबालिगों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश गोदारा ने बताया कि रसूल ने नाबालिग सोनू (काल्पनिक नाम) को अपने चंगुल में फंसाया था।

आरोपी के साथियों ने बच्चों से कुकर्म किया

पहले तो उसने खुद और फिर उसके साथियों ने सोनू से कुकर्म किया। सोनू को कई बार कुछ पैसे देने के साथ ही अच्छा खाना खिलाया। जनवरी में सोनू के साथ रसूल ने कुकर्म किया, जिसके बारे में कुछ लोगों को जानकारी मिल गई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो साक्ष्य मिटाने को रसूल ने 19 जनवरी को सोनू को झांसा देकर अपने पास बुलाया और फिर सुनसान जगह ले जाकर कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर दी।

शव को गोबर के ढेर में छिपाया

आरोपित ने सोनू का शव बोरे में बांधकर गोबर के ढेर में छिपा दिया। इस बीच सोनू के पिता ने गुमशुदगी की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच कर मामला बंद कर दिया, लेकिन पिता ने उच्च स्तरीय अधिकारियों से संपर्क किया और कुछ अहम जानकारियां दीं। अधिकारियों के निर्देश पर दोबारा जांच हुई तो हत्याकांड और नाबालिगों से कुकर्म करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ।

पुलिस ने गिरोह के लोगों से पूछताछ की

पुलिस ने रसूल को सोमवार को गिरफ्तार करने के साथ ही गिरोह में शामिल आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। सोनू की हत्या करने के लिए उपयोग की गई कुल्हाड़ी पुलिस ने मंगलवार को बरामद कर लिया है। गिरोह के कुछ सदस्य फरार बताए हैं। पूछताछ में सामने आया कि आरोपित नाबालिगों के मोबाइल पर अश्लील वीडियो भेजते थे। गिरोह के चंगुल में फंसे अधिकांश बच्चों की उम्र 14 से 16 वर्ष के बीच बताई जा रही है।