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राजस्थान

जिंदगी से जंग हार गया 5 साल का मासूम आर्यन, क्षेत्र में शोक की लहर, मां की बिगड़ी तबीयत

दौसा। राजस्थान के दौसा में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा आर्यन जिंदगी की जंग हार गया है। 3 दिन पहले मासूम खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरा था, जिसके बाद उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। करीब 56 घंटे तक चले इस अभियान के तहत आर्यन को बाहर तो निकाला लिया गया, लेकिन वह बच न सका। आर्यन को बोरवेल से बाहर निकालने के बाद एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेस के जरिए अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

राजकीय जिला चिकित्सालय दौसा के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी दीपक शर्मा ने कहा, “बच्चे को यहां लाया गया था, जिससे अगर संभव हो तो हम उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास कर सकें, लेकिन हमने दो बार ईसीजी किया और बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया है।” अपने कलेजे के टुकड़े को खोने के बाद आर्यन के परिवार का बुरा हाल है। बच्चे की मां की तबीयत बिगड़ गई है। वह रोते-रोते बेसुध हो गईं।

दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में सोमवार (9 दिसंबर) को बच्चा मां के साथ खेत में था। इस दौरान खेलते हुए अचानक ही उसका पैर फिसला और आर्यन 150 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया। फौरन ही बच्चे को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

56 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और बोरवेल की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स की टीमें लगातार आर्यन को बचाने के प्रयास में जुटी रहीं। रेस्क्यू के दौरान पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पास ही करीब 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया, लेकिन फिर मशीन खराब होने के चलते तीन-चार घंटे रेस्क्यू रुक गया। इसके बाद दूसरी पाइलर मशीन से गड्ढे को 150 फीट गहरा किया गया। फिर बोरवेल के पैरेलल ही एक टनल भी बनाने की कोशिश हुई, जो काम न आ सकी।

दौसा कलेक्टर से इजाजत लेकर आर्यन को हुक के जरिए बोरवेल से बाहर खींचा गया। वहां एंबुलेंस और मेडिकल टीमें तैनात थी। जैसे ही बच्चा बाहर आया, उसे अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बोरवेल के अंदर ही आर्यन की मौत हो गई थी।