कोटा । राजस्थान के कोटा शहर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। दरअसल एक नाबालिग अनाथ लड़की जो पांच महीने से लापता थी, उसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने ढूंढ निकाला है। शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने बारां पहुंचकर एक रिहायशी मकान के सामने से बच्ची का रेस्क्यू किया और उसे कोटा वापस ले आई।
बताया जा रहा है बच्ची 10 जून से लापता थी, कोटा सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि डाबी के रहने वाले एक शख्स ने 17 जून को पुलिस थाने में शिकायत दी थी। सामने आई कंप्लेंट में जिक्र था उसकी नाबालिग कजिन किराए के मकान में रहती थी। 10 जून को वो कहीं बाहर गई थी और फिर घर वापस नहीं लौटी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली और नाबालिग की तलाश शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए
एसपी ने मामले की जानकारी देते हुए आगे बताया है कि बच्ची की तलाश के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए। इसके बाद कॉल डिटेल्स की भी जांच की गई है। साथ ही सारे सोशल मीडिया रिकॉर्ड की भी तलाशी ली गई। संदिग्धों से पूछताछ भी की गई। लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी लड़की के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिर 5000 रुपये के नकद इनाम का एलान किया और बच्ची की खोज के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया।
कैसे मिली लड़की?
पुलिस ने इसके बाद नाबालिग की तस्वीर और इनाम की जानकारी सोशल मीडिया के साथ-साथ न्यूज पेपर्स में भी छपवाई थी। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि लड़की को अक्टूबर महीने में बारां के एक बाजार में देखा गया था। मुखबिरों से तब अधिक जानकारी मांगी गई तो बारां की कुंज विहार कॉलोनी में एक लड़की देखे जाने की पुष्टि हुई। विशेष टीम ने मौके पर पहुंचकर तलाश की तो नाबालिग एक रिहायशी मकान के बाहर मिली।
बाल सुधार गृह में रहेगी बच्ची
नाबालिग लड़की की तलाश कर रही टीम उसे कोटा ले आई। अब उसे जांच के लिए उद्योगनगर थाने के थाना प्रभारी को सौंप दिया गया है। कुछ पूछताछ और मेडिकल जांच के बाद उसे महिला सुधार गृह भेज दिया गया।