उदयपुर। आयकर विभाग ने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है जहां विभाग ने कंपनी के 23 ठिकानों पर छापा मारा है। गुरुवार को की गई छापेमारी शुक्रवार को भी जारी रही और अब तक करोड़ों की नकदी 22 किलो सोना समेत बड़े पैमाने पर अघोषित संपत्ति होने का खुलासा हुआ है। विभाग की कार्रवाई अभी भी जारी है।
जानकारी के अनुसार विभाग की यह कार्रवाई गोल्डन ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक पर की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार 100 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति के राजफाश की संभावना जताई जा रही है। विभाग की टीम दस्तावेजों को खंगाल रही है और कार्रवाई अभी जारी है।
एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी
हालांकि, आधिकारिक तौर पर विभाग की ओर से अघोषित संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम ने उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक के उदयपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, मुंबई और गुजरात के करीब 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट के मालिक टीकम सिंह राठौड़ का व्यापार देश और विदेश से फैला हुआ, इनकी लगभग 5 से 6 कंपनियां और हैं, जिनमें से मुख्य भूमिका या निवेशक की भूमिका की आयकर विभाग जांच कर रहा है।
राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में छापा
इससे पहले आयकर विभाग ने गुरुवार को उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट लाजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में 23 ठिकानों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई अवैध परिवहन, कर चोरी और आय से अधिक संपत्ति के संदेह में की गई। आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने राजस्थान महानिदेशक रेणू अमिताभ के निर्देशन में यह छापे मारे थे।
उदयपुर के उदियापोल क्षेत्र और रामसिंह जी की बाड़ी स्थित गोदाम पर सुबह टीमों ने कार्रवाई शुरू की। विभाग ने उदयपुर में 16, बांसवाड़ा में 3, गुजरात में 2 और मुंबई तथा जयपुर में एक-एक स्थान पर छानबीन की। कंपनी के मुख्य संचालक टीकम सिंह राव और उनके बेटे गगन सिंह राव को जांच के दायरे में लिया गया है। उनके करीबियों पर भी आयकर विभाग की नजर है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
विभाग को सूचना मिली थी कि कंपनी द्वारा कर चोरी की जा रही है और अवैध वस्तुओं का परिवहन हो रहा है। प्रारंभिक जांच में कर चोरी और आय से अधिक संपत्ति के संकेत मिले हैं। कार्रवाई के दौरान कंपनी के सभी दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा और कुछ अन्य चीजों को जब्त किया गया। आयकर अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद ही वास्तविक कर चोरी और संपत्ति के बारे में स्पष्ट जानकारी सामने आएगी।