जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को बड़ी राहत दी है। आसाराम को अंतरिम जमानत मिल गई है। अब आसाराम 11 साल बाद जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर आएगा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को धर्मगुरु आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी है। बता दें कि आसाराम 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें एक अन्य बलात्कार मामले में 31 मार्च तक जमानत दिए जाने के बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि वह विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और उन्हें उपचार की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत द्वारा चिकित्सा आधार पर राहत दिए जाने के तुरंत बाद आसाराम के वकीलों ने उच्च न्यायालय में सजा निलंबन याचिका दायर की। न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आसाराम को अंतरिम जमानत दे दी, क्योंकि याचिका की प्रकृति सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के समान थी।
आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कहा, हमने तर्क दिया कि याचिका की प्रकृति सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के समान थी और इस मामले में भी आधार वैध हैं। उन्होंने कहा कि आसाराम की अंतरिम जमानत की शर्तें वही हैं जो शीर्ष अदालत ने 7 जनवरी को तय की थीं, सिवाय एक शर्त के। बोरा ने कहा, अगर आसाराम बाहर (जोधपुर) जाना चाहता है, तो उसे अपने साथ जाने वाले तीन कांस्टेबलों का खर्च उठाना होगा। निचली अदालत ने 2013 में जोधपुर स्थित अपने आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
आसाराम 2 केसों में सजायाफ्ता
बता दें कि आसाराम बापू 2 केसों में सजायाफ्ता है। उस पर राजस्थान के जोधपुर में नाबालिग से रेप करने का आरोप लगा। जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से 2 सितंबर 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया। 5 साल केस की सुनवाई चली और 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
गिरफ्तारी वाले दिन ही आसाराम जेल में था, लेकिन अब 11 साल बाद वह इस केस में जमानत मिलने पर जेल से बाहर आएगा। दूसरा केस गुजरात के गांधीनगर का है। आसाराम पर गांधीनगर आश्रम में अपनी महिला अनुयायी से रेप करने का आरोप लगा। इस केस में आसाराम को 31 जनवरी 2023 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस केस में भी आसाराम को जमानत मिल चुकी है।