रांची. राज्यभर में एक लाख से अधिक अवैध बिजली कनेक्शन हैं, जिससे हर माह विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। विभाग ऐसे बत्ती चोरों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है।
झारखंड बिजली वितरण निगम की कार्रवाई से संबंधित आंकड़े बताते हैं कि 10 माह के दौरान राज्यभर में 1,04,873 घरों में छापेमारी की गई। इस दौरान 24399 बत्ती चोर पकड़े गए हैं। छापेमारी के दौरान इनके घरों में अवैध बिजली कनेक्शन पाया गया। विभाग के आकलन के अनुसार, इन 10 माह में विभाग को 47 करोड़ रुपए का झटका लगा है। यानी 47 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
वहीं राजधानी रांची की बात करें तो यहां 10 हजार से अधिक अवैध कनेक्शन हैं। इनमें से 1875 वैसे घर छापेमारी में पकड़े गए हैं, जो अवैध कनेक्शन से बिजली जला रहे थे। 10 माह में इन अवैध कनेक्शनधारियों ने विभाग को 4 करोड़ रुपए की चोट दी है। इन सबके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
बिजली चोरी से विभाग को खपत का पूरा आंकड़ा नहीं मिल पा रहा
राज्य में बिजली की स्थिति सुधारने की लगातार कवायद चल रही है। इसमें सबसे बड़ी बाधा यह है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिजली तो जला रहे हैं, लेकिन बिल भुगतान नहीं कर रहे। वहीं बिजली चोरी से विभाग को खपत का पूरा आंकड़ा नहीं मिल पा रहा है। इससे निपटने के लिए विभाग ने अभियान चला रखा है।
बिजली चोरी में सबसे आगे जमशेदपुर
बिजली वितरण निगम के आंकड़े बताते हैं कि बिजली चोरी में सबसे आगे जमशेदपुर है। इसके अलावा डालटनगंज, धनबाद, हजारीबाग, देवघर और गिरिडीह जिले में भी बिजली चोरी बहुत ज्यादा हो रही है। यही वजह है कि निगम राजस्व की कमी झेल रहा है। हाल के महीनों में राजस्व की कमी की वजह से झारखंड में बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई थी।