दीपावली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हुआ। इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 14 नवंबर, दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा 14 नवंबर मंगलवार को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
14 नवंबर 2023, दिन मंगलवार को गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 43 मिनट से लेकर प्रातः 08 बजकर 52 मिनट तक है।
गोवर्धन पूजा योग
इस बार गोवर्धन पूजा के दिन शुभ योग बन रहे हैं। गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है। उसके पश्चात् से अतिगंड योग आरम्भ हो जाएगा। अतिगंड योग शुभ नहीं होता है। हालांकि शोभन योग को एक शुभ योग माना जाता है। इसके अतिरिक्त गोवर्धन पूजा के दिन प्रातः से ही अनुराधा नक्षत्र होगी।
महत्व
गोवर्धन पूजा प्रकृति के पूजन का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण ने सदियों पहले ही समझा दिया था कि इंसान तभी सुखी रह सकता है जब वह प्रकृति को प्रसन्न रखें। प्रकृति को ही परमात्मा मानें और परमात्मा के रूप में ही प्रकृति की पूजा करें। हर हाल में प्रकृति की रक्षा करे।
विधि
गोवर्धन पूजा के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करें।
फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं।
इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें।
भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के पश्चात् उनका पूजन करें।
तत्पश्चात, अन्नकूट का भोग लगाएं।