दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नीलकंठ के दर्शन से भगवान शिव के साक्षात दर्शन होते हैं। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने का महत्व भगवान राम के लंका पर विजय के साथ जुड़ा हुआ है।
सनातन धर्म में दशहरे के पर्व का विशेष महत्व है और हर वर्ष यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखने से भाग्योदय होता है और दरिद्रता दूर होती है। इसलिए इस दिन लोग अपने घरों की छत पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने के लिए आकाश को निहारते हैं, ताकि साल भर जीवन में शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे। नीलकंठ के दर्शनों के साथ दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। आइए जानते हैं दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी देखने का धार्मिक महत्व क्या है…
नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने का धार्मिक महत्व
दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने का महत्व भगवान राम के लंका पर विजय के साथ जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान राम लंकापति रावण का अंत करने जा रहे थे, उससे पहले रामजी को नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे, इसके बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए नीलकंठ पक्षी को शुभ और विजय का संकेत माना गया है।