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भुजाहीन तीरंदाज शीतल एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण पदक किया अपने नाम

हांगझोउ: भुजाहीन तीरंदाज शीतल देवी एशियाई पैरा खेलों में एक ही सत्र में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किया । जम्मू कश्मीर की 16 वर्ष की शीतल अपने पैरों से तीर चलाती है। इससे पहले उन्होंने कंपाउंड मिश्रित वर्ग में स्वर्ण और महिला युगल में रजत जीता था। किश्तवाड़ के दूरस्थ इलाके में सैन्य शिविर में पाई गई शीतल को भारतीय सेना ने बचपन में गोद ले लिया था। जुलाई में उन्होंने पैरा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में सिंगापुर की अलीम नूर एस को 144.142 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

अंकुर धामा इस सप्ताह एक ही सत्र में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। भारत के अब तक 94 पदक हो गए हैं जिनमें बैडंमिटन खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते। पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत ने एकल एसएल3 वर्ग में हमवतन नितेश कुमार को 22.20, 21.19 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। तोक्यो पैरालम्पिक रजत पदक विजेता आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई ने एसएल 4 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। सुकांत कदम को कांस्य पदक मिला। महिलाओं के एसयू5 फाइनल में टी मुरूगेसन ने स्थानीय खिलाड़ी यांग कियूशिया को 21.19, 21.19 से हराकर पीला तमगा हासिल किया। भारत की ही मनीषा रामदास को कांस्य पदक मिला।

पुरूष युगल एसएल3. एसएल4 वर्ग में नितेश और तरूण ने स्वर्ण पदक जीता जबकि भगत और सुकांत को कांस्य पदक मिला। पैरालम्पिक चैम्पियन कृष्णा नागर को एसएच 6 में रजत पदक मिला। एथलेटिक्स में रमन शर्मा ने पुरूषों की 1500 मीटर टी38 स्पर्धा में नये रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। भालाफेंक में प्रदीप कुमार और लक्षित ने एफ54 वर्ग में रजत और कांस्य पदक जीते। चक्का फेंक में लक्ष्मी ने कांस्य पदक जीता जबकि तीरंदाज राकेश कुमार ने पुरूषों के कंपाउंड वर्ग में रजत पदक जीता।